पराली प्रबंधन के लिए प्रशासन ने लिया एक्शन, पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई शुरू, बंद होंगे सभी सरकारी सुविधा
चंद्रमोहन चौधरी .
बिक्रमगंज .बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र के सभी प्रखंडों में पराली प्रबंधन को लेकर प्रशासन एक्शन में आ गई है। एसडीएम बिक्रमगंज प्रभात कुमार ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर किसानों को निर्देश देते हुए कहा किपुआल / पराली को न जलाएँ। पुआल / पराली जलाने से पर्यावरण प्रदुषण बढ़ता है, भूमि की उर्वरता घटती है तथा स्वास्थ्य संबंधी दिक्कते उत्पन्न होती है। पुआल / पराली जलाने पर संबंधित नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी किसान द्वारा पुआल / पराली जलाने की घटना पायी जाती है तो प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और संबंधित कानूनी प्रावधानों के अनुसार दण्डात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। धान की फसल के अवशेष (पुआल / पराली) जलाने के कारण दावथ प्रखण्ड के सहिनाव पंचायत के छितैनी गाँव के 18 किसानों के उपर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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16 अन्य किसानो के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही हैं। साथ ही पुआल / पराली जलाने से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना रोक दी गई है। इसके अतिरिक्ति राशन कार्ड रद्द करने की कार्रवाई की जा रही है। पेंशन एवं अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ से अच्छादित है तो उसे भी ज्ञात कर रद्द करने की कार्रवाई की जा रही हैं। अनुमंडल प्रशासन पुआल / पराली जलाने वाले किसानों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की पहल शुरू कर दिया है। एसडीएम ने कहा कि किसान बन्धुओं से अपेक्षा है कि वे पराली प्रबंधन के वैकल्पिक तरीकों जैसे रोटावेटर, हैपी सीडर, मल्चर आदि का उपयोग करेंगे तथा पर्यावरण संरक्षण में सहयोग देंगे। बिक्रमगंज के घोसिया खुर्द अवस्थित अत्कर्ष बायोफ्यूल प्रतिष्ठान से सम्पर्क कर पराली / पुआल बेचकर आर्थिक लाभ भी किसान बंधु प्राप्त कर सकते हैं। एसडीएम के निर्देश पर बिक्रमगंज प्रखंड के किसान अशोक चौधरी, रामप्रवेश सिंह, मुन्ना चौधरी, प्रेमचंद पासवान सहित कई लोगों ने अपनी प्रक्रिया देते हुए कहा कि पराली प्रबंधन में विभाग सहयोग नहीं करता है, जिससे किसानों को परेशानी होती है। रबी फसलों की बुआई प्रभावित होती है। यदि विभागीय अधिकारी सहयोग करते है तो पराली प्रबंधन के लिए किसान तैयार है।