मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षन में सही मतदाता का नाम कटने पर आन्दोलन तेज होगा-कॉंग्रेस

विश्वनाथ आनंद.
गया जी( बिहार)-बिहार राज्य में चल रहे मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षन अभियान में शुरुआती आकड़ों बहुत चौकाने वाला है, जिसके अनुसार लगभग बिहार के 07करोड़ 70 लाख कुल मतदाताओं में 56 लाख का नाम काटने की बातें चुनाव आयोग द्वारा किया जा रहा है।
बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, दामोदर गोस्वामी,प्रद्युम्न दुबे, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम, मुन्ना मांझी आदि ने कहा कि 56 लाख नाम कटने वाले सूची में 20 लाख मतदाता की मृत्यु होने, 28 लाख मतदाता अपने पते पर नहीं मिले, 01 लाख का कोई ठिकाना नहीं, 07 लाख मतदाता दो जगह पंजीकृत , 15 लाख का फॉर्म वापस नहीं की बातें आई है, जबकि यह काम 22 वर्षों बाद बिहार में चुनाव आयोग द्वारा किया जा रहा है, तो क्या 20 वर्षों से नीतीश कुमार तथा 11 वर्षों से नरेंद्र मोदी को यह वोट मिल रहा है, तथा दिनों से वर्षों से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री रहने के बाद भी अभी तक डबल इंजन की सरकार घूसपैठीयों की पहचान नहीं कर पाइ ? मुख्य चुनाव आयोग को जब संपूर्ण भारत में इस काम को करना है, तो बिहार में जब दो- तीन माह चुनाव के बचे है, तो मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षन इतनी लेट क्यों शुरू किया गया तथा इसमे आधर कार्ड, राशन कार्ड, वोटर लिस्ट आई डी को जमा करने वाले कागजातों में क्यों नहीं शामिल किया, जिन बिंदुओं पर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी टिप्पणी कर चुकी है।
नेताओ ने कहा की कॉंग्रेस पार्टी सहित सम्पूर्ण इंडिया गठबंधन लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में सदन से सड़क तक लगातार आंदोलन जारी रखते हुए मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षन का ज़बर्दस्त विरोध कर रहे है।
नेताओ ने कहा की लोकसभा एवं बिहार विधानसभा सत्र में बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षन का मामला बेहद चरम पर है दोनों जगह इंडिया गठबंधन के सांसद, विधायक अपनी चट्टानी एकता बना कर बिहार में चल रहे मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षन का बिहार से शुभारंभ एक सुनियोजित वोट लूट की साजिश है जो प्रथम दृष्टिया बिहार के 15 लाख वैसे मतदाताओं को भी अभी मतदाता सूची से नाम काम काटने की बातें, 28 लाख के बिहार से बाहर रहने आदि मुख्य कारण चुनाव आयोग द्वारा बताया गया है।
नेताओ ने कहा की बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में इंडिया गठबंधन एवं एन डी ए गठबंधन के बीच केवल 12 हज़ार 500 वोटरों का अंतर् था, जिससे इस बार यानी 2025 के विधानसभा चुनाव में अपनी करारी हार को देखते हुए महाराष्ट्र के तर्ज़ पर बिहार में भी वोट का खेल मोदी- नीतीश सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग द्वारा कराया जा रहा है।
नेताओ ने कहा की बिहार के देवतुल्य मतदाता मालिकों का नाम मतदाता सूची से कटने पर कॉंग्रेस पार्टी उनके साथ मिल कर तेज आंदोलन करेगी।