लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ बिहार के सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र का नाम, दुनियांभर में रचा इतिहास

-वैश्विक स्तर पर सैंड आर्टिस्ट ने रचा सबसे बड़ा इतिहास, प्रतिष्ठित लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ मधुरेंद्र नाम, दुनियां के सबसे पहला सैंड आर्टिस्ट बने मधुरेंद्र.
-BIHAR PRIDE: “अंतर्राष्ट्रीय सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने रचा इतिहास! दुनियां के सबसे पहला सैंड आर्टिस्ट बने मधुरेंद्र, वैश्विक स्तर पर बनाया रिकॉर्ड, अब प्रतिष्ठित लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ भारतीय कलाकर मधुरेंद्र कुमार का नाम। दुनियाभर में हो रहीं है चर्चा। कला, शिक्षा व राजनैतिक जगत में भी लगने लगी है बधाईयों का ताँता.
विश्वनाथ आनंद
पटना (बिहार)-खुद पर है विश्वास, मेहनत ही है आस- यही है बिहारी होने की खास बात! उक्त पक्तियां को चरितार्थ करते हैं बिहार के इस लाल ने। जिनका नाम भला कौन नहीं जनता? वैश्विक स्तर पर इतिहास रचने वाले दुनियां के सबसे पहला भारतीय सैंड आर्टिस्ट सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार है, जो महज 31 वर्ष के उम्र में आधुनिक कला इतिहास के पहले ऐसे समकालीन युवा कलाकार बन गये है। जिनका नाम वैश्विक स्तर के सबसे प्रतिष्ठित लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कर सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने रचा इतिहासबता दें कि भारतीय कला इतिहास में पहली बार समकालीन युवा रेत कलाकर मधुरेंद्र कुमार ने सात समुंदर पार प्रतिष्ठित लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का सम्मान प्राप्त कर पूरे भारत और बिहार को गौरवान्वित किया है। उन्हें यह सम्मान ब्रिटिश पार्लियामेंट लंदन में आयोजित समारोह के दौरान दिया गया। समारोह में लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अविनाश डी. सकुंडे व यूरोपीय संघ के प्रमुख डॉ. इवान गैसीना ने संयुक्त रूप से प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र के साथ मैडल पहनाकर रिकॉर्ड होल्डर इंटरनेशनल सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र को सम्मानित किया।
समाज में सकारात्मक सन्देश के लिए प्रतिष्ठित लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में मधुरेंद्र का नाम दर्ज
लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अविनाश डी. सकुंडे ने मुख्यमंच पर कहा कि मधुरेंद्र एक उज्ज्वल क्षितिज का नेतृत्व करने की नई भावना के साथ सामाजिक जागरूकता के लिए रेत और पत्ती कला की रचनात्मकता का नया कीर्तिमान स्थापित करना सराहनीय रिकॉर्ड है। इसलिए सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र का नाम लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रमाणन संख्या: LBOWRE401990 में शामिल किया गया है। हम आपके कीर्तिमान को आगे बढ़ाते हुए मानवता के लिए विश्व पटल पर प्रेरणा के स्त्रोत बनकर भारत के आधार की ओर अग्रसर हैं।
यूरोपीय संघ के प्रमुख ने सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र को दी बधाई
यूरोपीय संघ के प्रमुख डॉ. इवान गैसीना ने कहा कि वैश्विक मंच पर बिहार के 31 वर्षीय भारतीय कलाकार मधुरेंद्र कुमार बहुत ही अल्प समय में लगभग 5000 (पांच हजार) से अधिक अपनी बेमिसाल कलात्मक रचनाओं के नये-नये तकनिकों के माध्यम से समाज को सकारात्मक सन्देश देने का प्रतिष्ठित रिकॉर्ड बनाया हैं। इसलिए पूरे उत्साह के साथ लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के हरे-भरे मैदान से सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार को हृदय की गहराइयों से हार्दिक बधाई व शुभकामनायें, ताकि आप सभी के लिए एक सीट बनकर दुनिया का आनंद ले सकें।
ग्लोबल आर्टिस्टो की सूची में सबसे लोकप्रिय पहला भारतीय कलाकार बने मधुरेंद्र कुमार
गौरतलब हो कि प्रतिष्ठित लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए टीम द्वारा जून 2025 के सर्वे में सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार का नाम चयनित किया गया। जिसमें 95% अप्रूवल रेटिंग मिली है। यह सर्वे 10 जून से 17 जून के बीच दर्जनों से ज्यादा देशों में किया गया था। इस रिपोर्ट में सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने लगभग 5000 (पांच हजार) से अधिक अपनी बेमिसाल कलात्मक रचनाओं के नये-नये तकनिकों के माध्यम से समाज को सकारात्मक सन्देश देने का रिकॉर्ड बनाकर यूएसए, चाइना, यू येन, रसिया, श्रीलंका और कनाडा जैसे बड़े देशों के कलाकारों को पीछे छोड़ते हुए ग्लोबल आर्टिस्टो की सूची में पहला स्थान हासिल किया है। यह भारत के लिए गर्व की बात है। यह पल पहली बार भारतीय कला इतिहास में बिहार के 31 वर्षीय समकालीन युवा सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार की लोकप्रियता को साबित करता है।
शोशल मिडिया पर खूब मिल रही है बधाईयां
इस मौके पर भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के राज्य मंत्री रामदास बंडु आठवले ने भी सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार को विशेष रूप से बधाई दी है। इस सम्मान के लिए सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की पूरी टीम का हृदय से आभार व धन्यवाद भी जताया। वही बिहार के लाल मधुरेंद्र की इस सफलता के लिए देश और दुनियांभर में राजनैतिक हस्तियों, शिक्षाविदों व प्रबुद्ध लोगों द्वारा शोशल मिडिया अकाउंट के माध्यम से खुले दिल से खूब बधाईयां व शुभकामनायें भी मिल रही है।