पराली के मुद्दे पर किसानों खुलकर रखी बातें -राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस आयोजित हुआ कार्यक्रम
चंद्रमोहन चौधरी,
बिक्रमगंज .धान की कटाई हार्वेस्टर से होने जा रहा है। जिला प्रशासन पराली नहीं जलाने के लिए दबाव बना रही है। किसानों को मजदूर नहीं मिल रहे हैं। किसान चिंतित है, कैसे पुआल को खेत से हटाया जाए। गेहूं की बुआई में विलंब होने पर खेत उखड़ जाएगा। पंचायत के 1900 एकड़ में धान की खेती हुई है। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के अवसर पर जैव विविधता प्रबंधन समिति मानी, जिला रोहतास कि तरफ से पराली नहीं जलाने के लिए किसान चौपाल का आयोजन किया गया। किसानों ने खुलकर अपनी बातें रखी। किसानों को बताया गय कि पराली जलाने वायु प्रदूषण होगा तथा मिट्टी की उर्वरा शक्ति में कमी आएगी। पराली जलाने वाले किसानों को सरकारी योजना से वंचित होना फड़ेगा। प्राथमिकी भी दर्ज होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता जैव विविधता प्रबंधन समिति के किसान क्लब के अध्यक्ष जर्नादन सिंह ने करते हुए कहा कि किसानों को जागरूक किया जा रहा है। घुसियां गाव में पुआल से सीएनजी बनता है। हमलोग संपर्क में हैं। हमलोग नि:शुल्क पुआल देने को तैयार हैं।
जिला प्रशासन भी सहयोघ के लिए आगे आएं। जैव विविधता प्रबंधन समिति के आध्यक्ष मृत्युंजय मानी ने किसानों से अपील किया कि किसी भी स्थिति में पराली न जलाएं। मानी ग्रम पंचायत के मुखिया लव जी कुमार गौतम ने कहा कि पराली फ्रबंधन पर किसान इक्कठा हुए हैं। हमलोग आपसी सहयोग बना रहे हैं। प्रशान की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। तकनीक विकसित करने की जरुरत है। किसान दधिबल सिंह ने कहा कि मजदूर ही नहीं मिल पा रहे हैं। राजू सिंह ने कहा कि पराली को मनरेगा से जोड़ने की जरुरत है। विजय चौधरी ने कहा कि हमलोग पुआल नहीं जलाना चाह रहे हैं। हरेराम सिंह ने कहा कि सरकार के स्तर पर सहयोग मिलना चाहिए। बिजेंद्र सिंह ने कहा कि मजदूरों की कमी के बाद भी पुआल नहीं जलाने का प्रयास करेंगे। कृषि कार्य के लिए मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं। श्याम नारायण सिंह ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण और भूमि की उर्वरा शक्ति बचाने के लिए पराली प्रबंधन को मनरेगा से जोड़ दें। चौपाल में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया।