सहकारिता मंत्री ने गया जी सर्वांगीण विकास को लेकर विस्तृत चर्चा की गई

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DHIRAJ GUPTA.

गया।मंत्री सहकारिता विभाग बिहार सरकार डॉ॰ प्रेम कुमार ने आज गया समाहरणालय स्थित जिला पदाधिकारी कक्ष में बैठक कर गयाजी के सर्वांगीण विकास को लेकर विस्तृत चर्चा की।इस बैठक में गयाजी-बोधगया कॉरिडोर के डीपीआर निर्माण, बोधगया से फल्गु नदी किनारे होते हुए रामशिला तक फ्लाईओवर निर्माण, तथा शहर के भीतर ऊर्जा विभाग द्वारा अंडर ग्राउंड केबलिंग की आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया गया है।डॉ॰ प्रेम कुमार ने कहा कि गया शहर के विभिन्न मोहल्लों से निकलने वाले दूषित जल को बिना उपचार के फल्गु नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। इस समस्या के समाधान हेतु शीघ्र ही सीवरेज सिस्टम लागू करने की दिशा में ठोस योजना बनाकर नदी को प्रदूषण मुक्त करने की आवश्यकता है। इस पर जिला पदाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा योजना को भारत सरकार को अग्रसारित कर दिया गया है।
इस बैठक में गया के प्रमुख पर्वतीय और धार्मिक स्थलों जैसे रामशिला, प्रेतशिला, सीताकुंड, मां डूंगेश्वरी, मुरली हिल आदि को हरितावरण से आच्छादित करने पर सहमति बनी। साथ ही, जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं को अक्षयवट परिसर स्थित हॉल में सिलाई प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाने पर भी चर्चा की गई है।

फल्गु नदी किनारे घाट निर्माण, इको पार्क की स्थापना, तथा गंगाजल उद्यम योजना से वंचित मोहल्लों तक पाइपलाइन बिछाकर गंगाजल आपूर्ति सुनिश्चित करने पर भी विचार किया गया है। इस पर जिला पदाधिकारी ने बताया कि नगर विकास एवं आवास विभाग को स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजा गया है। मुख्यमंत्री के प्रगति यात्रा के दौरान स्वीकृत परियोजनाओं जैसे NH-82 पर घुघरीटांड़ एवं मानपुर मुफस्सिल के समीप फ्लाईओवर तथा मां बागेश्वरी के निकट रेल ओवरब्रिज निर्माण को शीघ्र पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। गयाजी मेट्रो रेल परियोजना एवं मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना से शेष राशि का उपयोग कर शहर की नालियों, गलियों एवं सार्वजनिक स्थलों का समुचित विकास किए जाने पर भी चर्चा हुई है।इस संदर्भ में मंत्री डॉ॰ प्रेम कुमार ने पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रभारी मंत्री डॉ॰ सुनील कुमार से दूरभाष पर वार्ता की है।इस बैठक में सहकारिता विभाग की ओर से वेजिटेबल फेडरेशन के तहत प्रखंड स्तर पर आधारभूत संरचना निर्माण हेतु 17 प्रखंडों में जमीन उपलब्ध होने की जानकारी दी गई। शेष 7 प्रखंडों एवं एक नेट हाउस हेतु दो एकड़ भूमि उपलब्ध कराने पर जिला पदाधिकारी से अनुरोध किया गया, ताकि विभाग द्वारा राशि आवंटित कर 10 टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज, 20 टन गोदाम एवं कार्यालय भवन का निर्माण शीघ्र शुरू किया जा सके।

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