महामहिम बताएं बिहार राज्य अंतर्गत वित्त अनुदानित शिक्षण संस्थानों को नियमित वेतनमान कब तक – प्रोफेसर विजय कुमार मिट्ठू
विश्वनाथ आनंद .
गया जी (बिहार)-बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता सह संयोजक बिहार राज्य वित्त अनुदानित शिक्षण संस्थान शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ प्रोफेसर विजय कुमार मिट्ठू ने आज मगध विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने आए महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति बिहार आरिफ मोहम्मद खान सहाब से राज्य के हज़ारों वित्त अनुदानित शिक्षण संस्थानों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को पटना उच्च न्यायालय एवं दिल्ली सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी राज्य सरकार अभी तक नियमित वेतनमान देने के बजाय बिहार विधानसभा चुनाव के चंद दिनों पहले मुख्य सचिव बिहार की अध्यक्षता में गठित नौ सदस्यों की कमिटी बना कर टाल- मटोल करने का काम कर रही है, जिससे राज्य के वित्त अनुदानित शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। प्रोफेसर विजय कुमार मिट्ठू ने कहा कि राज्य के लगभग 65 प्रतिशत छात्र वित्त अनुदानित शिक्षण संस्थानों में ही अध्यन कर देश- दुनिया में काम कर रहे हैं, जबकि इन संस्थाओं के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को सरकारी संस्थानों की तुलना में 10 प्रतिशत भी प्रतिमाह वेतन नहीं मिलने से शिक्षक -शिक्षकेतर कर्मचारियों एवं उनके परिवार को खाने के लाले पड़े हैं।
प्रोफेसर विजय कुमार मिट्ठू ने कहा कि सबसे ज्यादा राज्य के 225 वित्त अनुदानित एवं वित्त रहित डिग्री कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्माचारियों का 08 वर्षों का अनुदान तथा खास कर मगध विश्वविद्यालय के लगभग 60 से ज्यादा वित्त अनुदानित एवं वित्त रहित कॉलेज के शिक्षकों से लगातार तीन सत्रों की कॉपी का मूल्यांकन कार्य करा कर छह माह से ज्यादा से उनका पारिश्रमिक भी भुगतान विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा नहीं करने से यहां के शिक्षकों में भारी आक्रोश है।प्रोफेसर विजय कुमार मिट्ठू ने कहा कि अखिर नीतीश सरकार के 19 वर्ष 02 माह के कार्यकाल में जब सभी प्रकार एवं विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की मागें मान ली गई, परंतु राज्य के 65 प्रतिशत छात्रों को पढ़ाने वाले वित्त अनुदानित एवं वित्त रहित शिक्षण संस्थानों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों से ऐसी बेरुखी समझ से परे है।विदित हो की देश के डिग्री कॉलेज के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को वेतन सहित अन्य खर्च का 75 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार , विश्वविद्यालय अनुदान आयोग वहन करती है, तथा 25 प्रतिशत राज्य सरकार उसके बाद भी बिहार में 1986 के बाद यानी 40 वर्षों से कोई भी वित्त अनुदानित कॉलेज का पूर्ण सरकारीकरण नहीं करना अपने आप में बिहार राज्य के उच्च शिक्षा के लिए बहुत बड़ा प्रश्न है।प्रोफेसर विजय कुमार मिट्ठू ने कहा कि बिहार सरकार वर्षों से यह घोषणा करते आ रही है कि बिहार के 534 प्रखंड में एक डिग्री कॉलेज सुनिश्चित करेंगे, जबकि राज्य में लगभग 100 के अंदर सरकारी डिग्री कॉलेज है, 170 वित्त अनुदानित तथा 60 के लगभग वित्त रहित डिग्री कॉलेज यानी सबों को जोड़ने पर भी 320 कॉलेज जो राज्य के कुल प्रखंडों 534 से 214 कम होने के बाद भी राज्य सरकार बिहार राज्य के वित्त अनुदानित एवं वित्त रहित शिक्षण संस्थानों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्माचारियों के 40 वर्षों से लंबित मांगों को पूरी क्यों नहीं कर रही है, राज्य के लोग आप महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति महोदय से जानना चाहते हैं।