शिवराम बाबू मानवीय सेवा संवेदना करुणा के प्रतिमूर्तिथे-डॉक्टर विवेकानंद मिश्रा
विश्वनाथ आनंद .
गयाजी (बिहार)-शिवराम बाबू डालमिया के प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर डॉक्टर विवेकानंद मिश्र ने उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा की शिवराम बाबू डालमिया उस परिवार के विरासत के प्रतिनिधि थे, जिसने सनातन धर्म, सेवा, संस्कार, विनम्रता, ईमानदारी का पाठ पढ़ाया गया था। उस पाठ को वह व्यवहारिक जीवन में अक्षरश: उतारा है, ईमानदारी से पालन पालन कर डालमिया परिवार के बहुमूल्य विरासत, मर्यादा को बचाया ही नहीं बल्कि दो कदम आगे बढ़कर मानवीय सेवा संवेदना करुणा का प्रतिनिधित्व भी जीवन के अंतिम क्षणों तक किया है। यही कारण है कि वह गया जी ही नहीं विभिन्न प्रदेश, क्षेत्र में भी अपना नाम सेवा और सनातन धर्मरक्षक के नाम पर इतिहास के पन्नों में लिखवाया है।
डॉक्टर मिश्रा ने कहा कि वह किसी मुसीबतयदा आदमी का आंख का आंसू उसकी पीड़ा से स्वयं ही द्रव्यिभूत हो जाते थे। वे आज तक अपने दरवाजे से किसी को भी उन्होंने निराश नहीं किया।इस अवसर पर ज्योतिष शिक्षा एवं शोध संस्थान के निदेशक डॉक्टर ज्ञानेश भारद्वाज ने कहा कि वह हमारे अभिभावक और प्रेरणा के स्रोत थे, जिन्होंने मुझे आत्मविश्वास सकारात्मक सोच को उन्नति का मार्ग बताया था जिन्हें मैं आज तक पालन करने का प्रयास करता हूं। दोनों ने विनम्र श्रद्धा सुमन अर्पित कर आने वाली पीढियां को भी को उनके बताए मार्ग को अनुशरण करने को कहा है।