उच्च जातियों के विकास के लिए राज्य आयोग बिहार द्वारा बैठक का आयोजन किया गया

उच्च जातियों के विकास के लिए राज्य आयोग, बिहार, पटना के माननीय अध्यक्ष डा० महाचन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता एवं माननीय उपाध्यक्ष, श्री राजीव रंजन प्रसाद तथा श्री जय कृष्ण झा, एवं श्री राजकुमार सिंह, माननीय सदस्य की उपस्थिति में दिनांक-01.08.2025 को बैठक का आयोजन।
गया जी। उच्च जातियों के विकास के लिए राज्य आयोग, बिहार द्वारा उच्च जातियों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा एवं भविष्य में उनके सर्वांगीण विकास के लिए कार्ययोजना तैयार करने के उद्देश्य से प्रमंडलवार भ्रमण के क्रम में आयोग के अध्यक्ष, डा० महाचन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता एवं माननीय उपाध्यक्ष, श्री राजीव रंजन प्रसाद तथा श्री जय कृष्ण झा एवं श्री राजकुमार सिंह माननीय सदस्य सहित आयुक्त, मगध प्रमण्डल एवं जिला पदाधिकारी, गया जी की उपस्थिति में दिनांक-01.082025 को पदाधिकारियों एवं बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया।
इस दौरान मगध प्रमण्डल के गया जी, जहानाबाद, अरवल, नवादा एवं औरंगाबाद जिला के विकास एवं कल्याण कार्य से जुड़े पदाधिकारियों एवं बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ उच्च जातियों में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के सशक्तिकरण की कार्ययोजना पर विचार-विमर्श किया गया एवं सुझाव की मांग की गई। विमर्श के क्रम में माननीय अध्यक्ष, डॉ० महाचन्द्र प्रसाद सिंह द्वारा यह रेखांकित किया गया कि राज्य सरकार सभी वर्गों के उत्थान हेतु प्रयासरत है एवं इस क्रम में उच्च जातियों के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ० सिंह द्वारा बैठक में भाग लेने वाले पदाधिकारियों से उच्च जातियों में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों का सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित होने का आंकड़ा अलग से संधारित करने एवं इसे आयोग को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया। उनके द्वारा बताया गया कि इस संबंध में अलग से आंकड़ों के संधारण के बाद ही कोई ठोस निष्कर्ष निकाला जा सकता है। उच्च जातियों में से आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों (EWS) के प्रमाण-पत्र बनने में आने वाली कठिनाईयों प्राप्त शिकायतों के आलोक में आयोग द्वारा प्रमण्डलीय आयुक्त एवं जिला पदाधिकारी से इस संबंध में समुचित कदम उठाने का निर्देश दिया गया।
पदाधिकारियों से विमर्श के दौरान निम्नलिखित सुझाव प्राप्त हुएः-
1. EWS कोटि के संबंध में हर योजना के लिए डाटा संधारण किया जाय, ताकि सरकारी योजनाओं में उनकी भागीदारी के संबंध में विचार किया जा सके।
2. प्रधानमंत्री यशस्वी योजना के तहत विभिन्न कोटि के छात्रों को प्राप्ताकों के आधार पर लाभदिया जा रहा है। इसमें उच्च जातियों की समुचित भागीदारी हेतु जागरूकता लाई जाय।
3. सम्प्रति EWS कोटि के लोगों के लिय योजना बनाने की जिम्मेवारी किसी विभाग विशेष को नहीं दी गई है। अन्य सभी आरक्षित श्रेणी के लिए विभाग विशेष का गठन किया गया है। अतः उचित होगा कि EWS कोटि के उत्थान के लिए किसी विभाग विशेष का गठन किया जाय अथवा किसी विभाग विशेष में इस हेतु एक संभाग बनाया जाय।
4. आंगनवाड़ी एवं अन्य पद पर नियुक्ति हेतु तैयार की जा रही चयन मार्गदर्शिका में EWS कोटि को भी शामिल किया जाय।
5. 5. EWS कोटि के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड एवं स्व रोजगार हेतु लोन की व्यवस्था की जा सकती है।
6. EWS कोटि के लिए भी अन्य आरक्षित श्रेणी के समान प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेने हेतु फीस पूर्णतः माफ किया जा सकता है।
7. EWS कोटि को भी सहकारी समितियों के माध्यम से लोन देने के संबंध में प्रावधान किया जा सकता है।
8. EWS कोटि के बेहतरी हेतु अल्पसंख्यक कल्याण वित्त निगम की तर्ज पर वित्त निगम बनाकर वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराया जाय।
बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों एवं जनप्रतिनिधियों से विमर्श के दौरान निम्नलिखित सुझाव प्राप्त हुएः-
1. अपनी भूमि से जबरन या गलत तरीके से बेदखल उच्च जाति के लोगों के मामले में समुचित विचारोपरांत कब्जा वापस दिलाने की उपाय की जाय।
2. सरकारी गारंटी पर EWS कोटि के योग्य व्यक्तियों को भी कम दर पर लोन दिया जाय।
3. उच्च जाति के योग्य छात्रों को कम दर पर शिक्षा/रोजगार हेतु लोन उपलब्ध कराया जाय।
4. आयोग को एक सांविधिक संस्था के रूप में मान्यता प्रदान करते हुए इसे अन्य आयोग की तरह मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की जाँच एवं सुनवाई करने का अधिकार दिया जाय।
5. जिला एवं अनुमण्डल स्तर पर EWS कोटि के लिए छात्रावास तैयार किया जाय। अंत में माननीय अध्यक्ष द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विश्वास दिलाया गया कि आयोग यथा संभव सुझावों के संबंध में राज्य सरकार से अनुशंसा करने एवं इसे अमल में लाने का प्रयास करेगा।