आज से लगातार अगले 4 दिनों तक देवघाट एव सीताकुंड में पिंड दान करने का परंपरा है

मनोज कुमार ।

गया, 22 सितंबर2024, पितृपक्ष मेला 2024 दिनांक 17 सितंबर से प्रारंभ है। आज से लगातार अगले 4 दिनों तक देवघाट एव सीताकुंड में पिंड दान करने का परंपरा है, जिसके चलते सीताकुंड एव देवघाट में काफी भीड़ देखी जा रही है।इसी कड़ी में आज डीएम गया डॉ० त्यागराजन एसएम सीताकुंड पहुच कर मेला क्षेत्र में यात्रियों को दिए जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। इसी बीच पिंड दान करने आये उत्तर प्रदेश के प्रशासन के बड़े महकमा से पिछले एक माह पहले मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश के पद से रिटायर हुए डॉ० डी०एस० मिश्रा जो पिंड दान करने आये हैं , उनका स्वागत करते हुए सीताकुंड में मंदिर का दर्शन करवाया उसके पश्चात नाव से गया जी डैम, सीताकुंड आदि का अवलोकन करवाया। डीएम ने राज्य सरकार द्वारा पिंडदानियों के लिये उपलब्ध करवाए जा रहे व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तार से अवगत कराया उन्होंने यह भी बताया कि पहले फल को नदी सूखी नदी रहती थी परंतु 2022 में गया जी डैम का निर्माण करवा कर राज्य सरकार ने सालों भर पानी उपलब्ध रखने की व्यवस्था कराई है। सेवा निवृत्त मुख्य सचिव ने राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यहां काफी सुखद अनुभूति प्राप्त होती है, उसके साथ ही साथ राज्य सरकार द्वारा यात्रियों के हित में हर प्रकार की व्यवस्थाओं को मुकम्मल करवा रहा है। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि अब पिंड दानियों को तर्पण हेतु सालों भर पानी मिल रही है, इससे बड़ा चीज और कुछ भी नहीं है।

जिला पदाधिकारी ने अवगत कराया की पिछले साल सीता पथ का निर्माण करवा कर देवघाट और सीता कुंड को पुल के माध्यम से जोड़ने का कार्य माननीय राज्य सरकार ने किया है। इसके अलावा हर घरों तक गंगाजल पेयजल के रूप में उपलब्ध करवाने का कार्य किया है। इसके अलावा विष्णुपद मंदिर पहुंचने के लिए बिना संक्रिन सड़क एवं गलियों को घूमे बिना, बिना ट्रैफिक जाम की समस्या से बचते हुए बाईपास पुल से नया एप्रोच रोड का लोकार्पण इस वर्ष माननीय मुख्यमंत्री जी ने किया है, इस पाथवे का नाम विष्णुपथ है, इससे लोग अब सीधे घाट पर तर्पण एवं मंदिर में दर्शन कर रहे हैं। यह पाथवे के निर्माण होने से काफी हद तक ट्रैफिक रेगुलेशन सामान्य हुआ है।
इसके पश्चात डीएम ने सेवानिवृत्ति मुख्य सचिव को विष्णुपद मंदिर दर्शन करवाया। उन्होंने जिला पदाधिकारी एवं जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि इतनी बड़ी भीड़ को मैनेज करना काफी चलेंगे रहता है, जिसे जिला प्रशासन ने बखूबी रूप से निभा रहा है। इसके लिए पूरा प्रशासन का तंत्र धन्यवाद के पात्र हैं। साफ सफाई की काफी उत्तम व्यवस्था है। चुकी गया जी डैम में लवा- लव पानी है इसे देखते हुए नदी के दोनों साइड लगातार एसडीआरएफ एवं गोताखोर भ्रमणशील है यह काफी काबिले तारीफ है जो किसी भी अनहोनी को तुरंत काबू पाने में सक्षम है।
इसके पश्चात मंदिर के बाहर एव मंदिर के अंदर काफी भीड़ को देख डीएम सुबह से दोपहर 01 बजे तक मंदिर गर्व गृह, सोलह वेदी, मंदिर के निकास द्वार, मंदिर के एंट्रेंस गेट आदि में लगातार खड़े रहकर घूम घूम कर पिंडदानियों को कतार में एंट्री, मंदिर दर्शन आदि करवाते रहे। जहां कहि एक जगह भीड़ का मूवमेंट चौक हो जाता, तुरन्त वहां उस पॉइंट पर पहुच कर भीड़ को मूवमेंट करवाते रहे। यही शिलशिला दोपहर 01 बजे तक चलता रहा। चुकी पिंड दान करने ज्यादातर भुजुर्ग रहते हैं ऊपर से भूखे प्यासे पिंडदान एव तर्पण करते हैं। लाजमी है कि कुछेक यात्री को चक्कर आएगा। इसी बीच 2-3 यात्रियों को अलग अलग स्पॉट पर चक्कर आया, डीएम ने स्वयं उन यात्रियों को मेडिकल कैम्प तक लेकर जाते रहे, अपनी देलह रेख में उनकी पूरी इलाज भी करवाया। डीएम स्वमं मेडिकल कैम्प में बैठे रहे, इलाज की पूरी प्रोसेस को भी देखा। डीएम में हेल्थकेयर में मौजूद चिकित्सकों की टीम को निर्देश दिया कि यह इस जगह पर हेल्थ कैंप काफी महत्वपूर्ण बिंदु है यहां पर कोई भी शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पूरी तात्पर्य से पिंडदानियों का इलाज करावे, जो भी यदि कमियां है उसे तुरंत दुरुस्त करावे। दवा की पूरी उपलब्धता रखें। कोई भी दवा कमी रहने की, हर दिन संध्या में जो दवा नहीं है उसे आपूर्ति करवा ले ताकि अगले दिन पुनः सुबह से ही पिंडदानियों को सेवा दिया जा सके।