बैंक मैनेजर और स्थानीय कर्मियों द्वारा लगाये गए जाल में फंसे दर्जनों ग्राहक,पीड़ित ने घोटाले का किया खुलासा
संतोष कुमार ।
प्रखण्ड मुख्यालय के पुरानी बस स्टैंड स्थित पंजाब नेशनल बैंक आये दिनों से ग्राहकों के ठगी मामले में फंसता दिखाई दे रहा है।इससे आमलोगों के बैंक कर्मियों पर से भरोसा उठने लगा है।जबकि पंजाब नेशनल बैंक के वरीय कर्मी से लेकर बैंक में पदस्थापित कोई भी कर्मी अपना मुंह खोलने से बच रहे हैं।वहीं जांच के लिए आई पटना की टीम भी स्थानीय पत्रकारों से जांचोपरांत विशेष बात करने की बात कह रहे हैं।ऐसे में आमलोगों के संदेह सिर्फ पंजाब नेशनल बैंक पर ही नहीं बल्कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया,दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक समेत अन्य बैंकों पर हो रहा है।बहुत सारे लोग अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट किये हुए पैसों की जानकारियां लेने बैंक पहुंच रहे हैं।
मैनेजर और स्थानीय कर्मियों की मदद से मेटलाइफ इन्सुरेंस के नाम पर हुई ठगी
मेटलाइफ इन्सुरेंस के नाम पर हुए घोटाले से पीड़ित रजौली निवासी संजय कुमार अधिवक्ता ने बताया कि वे 46 वर्षों से पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहक हैं।वर्ष 2023 के मार्च अप्रैल माह में तत्कालीन बैंक मैनेजर राकेश रंजन,मेटलाइफ के कर्मी विनय कृष्ण एवं रिकवरी एजेंट के रूप में कार्यरत रजौली के दत्तीटिलहा गांव निवासी नवीन प्रसाद द्वारा झांसा देकर पांच लाख रुपये की ठगी करने का आरोप लगाया है।उन्होंने बताया कि जब वे अपने निजी काम से बैंक गए,तो स्थानीय कर्मी के संकेत पर मेटलाइफ एजेंट विनय कृष्ण ने उन्हें इन्सुरेंस के बारे में बताया और उसे सत्यापित करने के लिए बैंक मैनेजर के पास ले गए।बैंक मैनेजर द्वारा कही बातों को सत्य मानकर वे इसमें अपना पैसा इन्वेस्ट करने की बात कहकर घर चले आये।इसके दो-तीन बाद मेटलाइफ एजेंट विनय कृष्ण और रिकवरी एजेंट नवीन प्रसाद उपभोक्ता रूपी मछली को अपने जाल में फंसाने के लिए आने संजय कुमार अधिवक्ता के घर के चक्कर काटने लगे।चूंकि रिकवरी एजेंट को पता था कि संजय कुमार अधिवक्ता एक धनी व्यक्ति हैं और उन्हें थोड़ा कन्वेंस किया जाए,तो वे आसानी से फंस जाएंगे और हुआ भी ऐसा ही।एक दिन संजय कुमार अधिवक्ता दोनों के चंगुल में फंस गए और उन्हें पांच लाख रुपये का सेल्फ चेक दे दिया।एजेंट द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा दिया गया चेक आरटीजीएस करना पड़ेगा,जिसकी पावती रसीद बैंक द्वारा दिया जाएगा।पीड़ित जब तीन दिनों बाद बैंक पहुंचे,तो उन्हें बैंक के कम्प्यूटर से एक सर्टिफिकेट दिया गया।करीब 6 माह के बाद सिनेमा हॉल वाली गली के रहने वाले संजय कुमार बंटी एवं संजय कुमार अधिवक्ता मेटलाइफ इन्सुरेंस के बारे में बात करने लगे।इसी दौरान पीड़ित संजय कुमार अधिवक्ता को पता चला कि मेटलाइफ इन्सुरेंस का बॉन्ड नहीं दिया गया है और खुद को ठगा सा महसूस करने लगे।पीड़ित अगले ही दिन बैंक जाकर बॉन्ड की मांग कियें,तब उन्हें बॉन्ड पेपर डाक द्वारा भेजे जाने की बात कहकर टाल दिए।पीड़ित ने कहा कि मेटलाइफ एजेंट विनय कृष्ण को नहीं पहचानते थे, लेकिन रिकवरी एंजेट नवीन प्रसाद को स्थानीय होने के नाते विश्वास किया था।ऐसे ही टालमटोल करते हुए वर्ष 2023 का दिसम्बर माह आ गया।किन्तु पीड़ित को डाक के माध्यम से कोई बॉन्ड पेपर नहीं मिला।इस दौरान उन्होंने बैंकों के दर्जनों चक्कर लगाए,परन्तु वहां के कर्मियों द्वारा बहला-फुसलाकर वापस घर भेज दिया जाता रहा।पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर राकेश रंजन की बदली होने पर नए मैनेजर के रूप में बनिया बिगहा के उमाशंकर कुमार ने मैनेजर का पदभार संभाला।जब पीड़ित नए मैनेजर से मिले तब भेद खुला।इसके बाद पीड़ित ने मेटलाइफ इन्सुरेंस के नाम पर हुए अनिमितता को लेकर एक आवेदन दिया।जिसके बाद पूरा मामला सामने आने लगा।धीरे-धीरे यह बात दर्जनों मेटलाइफ इन्सुरेंस उपभोक्ता को हुई और उसके बाद बैंक ने जांच टीम को रजौली शाखा भेजा।वहीं पीड़ित सुधीर सिंह ने बताया कि वे 30 हजार रुपये की प्रीमियम की राशि 2017 से 2024 तक मेटलाइफ इन्सुरेंस के नाम से उनके खाते से कटा है।उन्होंने भी अपनी ठगी के लिए मैनेजर,मेटलाइफ एजेंट एवं अन्य विश्वसनीय बैंककर्मी को जिम्मेदार ठहराया है।
6 लोगों के निलंबन की आधिकारिक पुष्टि नहीं
पंजाब नेशनल बैंक में मेटलाइफ इन्सुरेंस के नाम पर दर्जनों उपभोक्ताओं के साथ लगभग करोड़ों रुपयों के स्कैम की आधिकारिक पुष्टि अबतक नहीं किया गया है।किंतु विभागीय सूत्रों के अनुसार बैंक मैनेजर समेत 6 लोगों के निलंबन की सूचना मिल रही है।जिनमें बैंक मैनेजर राकेश रंजन,केशव कुमार,विकास कुमार-1,विकास कुमार-2,प्रमोद शरण एवं अभिनन्दन कुमार आदि के नाम शामिल हैं।इस सम्बंध में बैंक कर्मी,जांच टीम एवं वरीय पदाधिकारी कुछ नहीं कह रहे हैं।जिससे मामला बढ़ता हुआ प्रतीत हो रहा है।जांच टीम अब भी बैंक में जरूरी कागजातों एवं रिकॉर्ड को खंगालने में जुटी है।