हार कर भी जीत गई महागठबंधन उम्मीदवार रितु जायसवाल

(संजय वर्मा)

शिवहर में महागठबंधन उम्मीदवार रितु जायसवाल हारी नहीं हराई गई जो जानकारियां निकल कर आ रही उसके मुताबिक उनको मिलनेवाले वोट को लबली आनन्द की तरफ मोड़ने के लिये भाजपा जदयू ने चौतरफा मोर्चा खोल दिया वैश्य मत को जदयू के पक्ष में मोड़ने के लिये टिकट कटने से नाराज़ सीतामढ़ी से सांसद सुनील पिंटू को आग्रह मांन मनुहार करके कुछ ठोस आश्वासन के साथ शिवहर में कैम्प कराया गया मंत्री दिलीप जायस्वाल विधायक पवन जायसवाल को जेपी नड्डा ने खास ड्यूटी दी नाराज़ चल रही रमा देवी को राज्यपाल बनाने और उनके पुत्र को विधानसभा का टिकट देने के आश्वासन के बाद मनाया गया जदयू या कहें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिवहर को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया उन्होंने भाजपा को भी इसके लिये तैयार किया कि कोई कोर कसर नहीं छोड़िये हर हाल में आनन्द मोहन की पत्नी लवली आनन्द की जीत होनी चाहिये

इतना ही नही बिहार भर के जीविका दीदियों को भी लगाया गया परिणाम शुरू से अंत तक लवली आनन्द से काफी आगे चल रही रितु जायसवाल चुनाव के दिन पिछड़ गई और महज 29 हजार मतों से हार गई इस हार में भी उसकी जीत ही है क्योंकि एक तरफ पूरी भाजपा पूरी सरकार बाहुबली था तो दूसरी तरफ रितु जायसवाल अपने दमखम के बल पर चुनाव लड़ीं फिर भी जदयू उम्मीदवार की जीत का मार्ज़ीन कोई बहुत बड़ा नहीं हो सका चुनाव जरूर हार गई पर शिवहर की जनता के दिलो पर राज वही करेगी जो लड़ता है वही हारता है पर नैतिक रूप से वो चुनाव जीत गई भले ही वो सांसद नहीं बनी सर्टिफिकेट नही मिला पर शिवहर की नेता वही रहेगी।

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