मौत के साए में वाहनों की जांच करने में लगे हैं उत्पाद पुलिस कर्मी
संतोष कुमार,
रजौली-थाना क्षेत्र के समेकित जांच चौकी पर बनाये गये शेड की स्थिति काफी दयनीय है। लोहे के एंगल व पाइपों के सहारे लगाई गई लोहे की एलवेस्टर काफी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़ा है।
यह कभी भी बड़ी हादसे को न्योता दे सकता है। करीब दस वर्ष पहले अंतर्राज्यीय सीमा पर अनाधिकृत तरीके से वाहनों की प्रवेश करने पर कागजातों की जांच के लिए परिवहन विभाग के पदाधिकारी व गृहरक्षकों की तैनाती की गई थी। लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद से जांच चौकी पर सिर्फ परमिट व मैकेनिकल एवं ओभरलोड वाहनों की जांच की जा रही है। इसके अलावा 2016 से सूबे में शराब बंदी के बाद से उत्पाद विभाग की टीम को वाहनों की जांच के लिए तैनात किया गया है।साथ हीं समेकित जांच चौकी की भवनों एवं शेड की देख-रेख उत्पाद विभाग को मिला हुआ है। लेकिन बिते कुछ वर्षों में भवन की स्थिति भी जर्जर हो गई है।मरम्मती का फंड उपलब्ध नहीं होने के कारण गृहरक्षकों समेत उत्पाद पुलिस व परिवहन कर्मियों के साथ-साथ लॉ एंड ऑडर के लिए तैनात बिहार पुलिस के पदाधिकारी भी जर्जर भवन में रहने को मजबूर हैं।वहीं शेड की बदत्तर स्थिति के कारण जांच करने वाले उत्पाद कर्मियों पर मौत के तलवार की तरह से लोहे की शेड के टूटे-फूटे एलवेस्टर लटके हुए हैं। कभी भी तेज आंधी-तूफान आने पर यह नीचे गिर सकता है। उस समय इसके नीचे वाहनों की जांच करने वाले कर्मी मौत तक का सफर तय कर सकते हैं। अगर इसकी मरम्मत नहीं कराया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। कर्मियों ने कहा कि हमलोगों की ड्यूटी है जिसे नित्य दिन पूरा करने में लगे हुए हैं।
क्या कहते हैं पदाधिकारी-
इस बाबत पर उत्पाद अधीक्षक अरुण कुमार मिश्र ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है।साथ ही उन्होंने समस्या के निवारण हेतु अग्रतर कोशिश करने की बात कही है।