बिजली विभाग से वार्ता के बाद जनांदोलन हुआ स्थगित,जल्द होगी बिजली बहाल
संतोष कुमार ।
प्रखंड क्षेत्र के सवैयाटांड़ पंचायत एवं चितरकोली पंचायत के गोपालपुर व दिबौर के ग्रामीणों ने बिजली की आपूर्ति बहाल करने की मांग को लेकर मंगलवार को तय आंदोलन कार्यक्रम वार्ता के बाद रद्द कर दिया है।बिजली सुधारा सुचारु रुप से दिलाने को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल कोडरमा विद्युत अंचल के अधीक्षण अभियंता इंजीनियर सुधांशु कुमार से मिलकर वार्ता किये।वार्ता में बिजली आपूर्ति किए जाने का आश्वासन मिलने के बाद तय आंदोलन को रद्द किया गया।वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल में प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि रविंद्र कुमार उर्फ बब्लू यादव,चितरकोली पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि जगदीश प्रसाद यादव तथा बिजली विभाग रजौली के एसडीओ राहुल कुमार एवं जेई भगीरथ कुमार झा शामिल रहे।प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि रविंद्र कुमार उर्फ बबलू यादव ने बताया कि बिहार के रजौली प्रखंड क्षेत्र के सुदूरवर्ती जंगली क्षेत्र चितरकोली एवं सवैयाटांड़ पंचायत के गांव में झारखंड के कोडरमा से बिजली की निर्वात आपूर्ति की जाती रही है।जिसे बिजली विभाग के द्वारा लगभग एक माह से कट कर दिया गया था।लोग अंधेरे में जीवनयापन करने को मजबूर हो रहे थे।इस समस्या से निजात नहीं मिलने दिलाने से चितरकोली एवं सवैयाटांड़ पंचायत के ग्रामीण मंगलवार को सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करने के लिए अधिकारियों को पूर्व में सूचना दिए थे।लेकिन आंदोलन से पूर्व ही जनप्रतिनिधि एवं बिजली बिजली विभाग के अधिकारियों के द्वारा एक सकारात्मक पहल किया गया।जिसका नतीजा रहा कि विद्युत अंचल कोडरमा के विद्युत अधीक्षण अभियंता इंजीनियर सुधांशु कुमार ने जल्द से जल्द बिजली सुचारू रूप से आपूर्ति करने का आश्वासन प्रतिनिधिमंडल के लोगों को दिया।प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि ने बताया कि अधिकारियों के बीच सफल वार्ता के बाद आंदोलन कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है।बताते चलें कि आजादी के समय से हीं इन दो पंचायतों में झारखंड से हीं बिजली की सप्लाई की जाती रही है।बिहार राज्य बंटवारे के बाद से हीं वन क्षेत्र के सीमांत होने के कारण दोनों पंचायतों की बिजली कोडरमा से सप्लाई लगातार होती थी।इसके दोनों राज्यों के बिजली विभाग के कर्मियों के बीच वार्ता हुई थी।जिसमें करार हुआ था कि बिजली बिल बिहार के रजौली के बिजली कर्मी तसील कर कोडरमा में जमा कराएंगे।लेकिन वर्ष 2020 से दोनों राज्य के कर्मी के द्वारा बिजली बिल नहीं दिया गया और न हीं बकाया होने की सूचना दी गई।अचानक पिछले माह मार्च में बिजली कट कर दी गई।जिसके कारण इस कड़कड़ाती गर्मी में भी लोग हवा तो दूर पानी तक के लिए बेहाल होते रहे हैं।अंततः जनप्रतिनिधि एवं बिजली कर्मियों की पहल के कारण बिजली सुचारू रूप से मिलने की उम्मीद लोगों के बीच जगी है।