डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन शताब्दी के सबसे प्रतिष्ठित विद्वानों में से एक : डॉ० संजय कुमार

विश्वनाथ आनंद ।
गया (मगध बिहार )- पूर्व राष्ट्रपति, महान शिक्षाविद एवं दार्शनिक, भारत रत्न डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 48वीं पुण्यतिथि पर माँ कमला चंद्रिका जी टीचर्स ट्रेंनिग कालेज, नौरू जहानाबाद में स्मृति सभा का आयोजन किया गया .इस अवसर पर अपने संदेश में माँ कमला चन्द्रिका जी ग्रुप ऑफ कालेजेज के सचिव एवं रामलखन सिंह यादव कालेज, जहानाबाद के प्राचार्य डॉ० संजय कुमार ने कहा कि डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारतीय संस्कृति का संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक माना जाता है. राधाकृष्णन को 20वीं शताब्दी के सबसे प्रतिष्ठित विद्वानों में से एक माना जाता है .वो जितने बड़े विद्वान थे, उनके विचार उतने ही महान थे.डॉ. राधाकृष्ण का कहना था कि शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है. उनके विचार सदैव युवाओं और विद्यार्थियों को प्रेरित करते रहेंगे.शिक्षा के क्षेत्र में उनका अभूतपूर्ण योगदान है.उनके सम्मान में उनके जन्मदिवस यानी 5 सितंबर को देश में शिक्षक दिवस मनाया जाता है. 17 अप्रैल साल 1975 में उनका निधन हुआ था. डॉ० संजय द्वारा उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित किया . सभा की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ० जयकांत कुमार ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन शिक्षा को एक मिशन मानते थे.उन्होंने एक आदर्श शिक्षक के रूप में अपने जीवन में शिक्षा के प्रति समर्पण और प्रतिबद्धता को निभाया. उन्होंने समाज, धर्म, दर्शन का गहरा अध्ययन किया और कई पुस्तकें लिखीं. डॉ. राधाकृष्णन की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें संविधान निर्मात्री सभा का सदस्य बनाया गया.अपने पीछे ज्ञान और शिक्षा की अमूल्य धरोहर छोड़ गए हैं .प्रो० प्रविन्द कुमार, प्रो० निभा कुमारी, प्रो० सुजीत कुमार पाठक, निभा कुमारी, गीतू गौतम, उमेश कुमार, चंदन कुमार, मनोज कुमार, राहुल कुमार ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये। कई प्रशिक्षु शिक्षकों ने भी अपनी बात रखी. स्मृति सभा में शिक्षकों सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा उपस्थित थे.