यह भारत की सदी है” पूर्व राजदूत डॉ. दीपक वोहरा ने वैश्विक मंच पर बढ़ते भारत का किया उल्लेख
विश्वनाथ आनंद
गया जी ( बिहार )-आईआईएम बोधगया ने अपने वार्षिक प्रमुख नेतृत्व शिखर सम्मेलन ‘नेतृत्व 3.0’ का आयोजन किया। कार्यक्रम में भारत के पूर्व राजदूत डॉ. दीपक वोहरा ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रेरक संबोधन दिया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ भारत का दशक नहीं, बल्कि भारत की शताब्दी है।” भारत की नई ऊर्जा और आशावाद का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हम भारतीय इसलिए नहीं हैं क्योंकि हम भारत में रहते हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि भारत हम सबके भीतर बसता है।”
आईआईएम बोधगया की निदेशक डॉ. विनिता एस. सहाय ने उद्घाटन संबोधन में कहा कि नेतृत्व केवल पद या शक्ति का विषय नहीं, बल्कि उस विरासत का प्रतीक है जिसे व्यक्ति अपने कर्मों से पीछे छोड़ता है। उन्होंने कहा, “नेतृत्व उस कहानी के बारे में है जिसे आप स्वयं लिखते हैं और जो दूसरों को प्रेरित करती है।” मीडिया और पीआर समिति के अध्यक्ष डॉ. संजय कौशल ने कार्यक्रम की शुरुआत में कहा कि यह मंच विचार-विमर्श और संवाद के माध्यम से नेतृत्व के नए आयामों को उजागर करने का प्रयास है।
” द फ्लूइड फ्रंटियर: एक बदलती दुनिया में नेतृत्व की नई सोच”” विषय पर आयोजित पहली पैनल चर्चा में भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स की राष्ट्रीय विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष, प्रौद्योगिकी, नवाचार एवं उन्नति पर श्री अमिताभ रे, NaBFID के मुख्य कंप्लायंस अधिकारी, श्री सचिंद्र कुमार राय और inFeedo की उपाध्यक्ष एवं डेटा प्राइवेसी, रिस्क एंड कंप्लायंस, सुश्री सीमा पाठक ने भाग लिया। इस चर्चा में नेतृत्व के बदलते स्वरूप और अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता के दौर में नई रणनीतियों पर विचार हुआ। चर्चा के दौरान श्री अमिताभ रे ने कहा, “परिवर्तन से डरें नहीं, बल्कि जो स्थायी है उसे अपना आधार बनाकर बदलाव की लहरों में आत्मविश्वास से आगे बढ़ें।”
दूसरा पैनल चर्चा सत्र “द एल्केमी ऑफ लीडरशिप: संस्कृति और क्षमता का निर्माण” विषय पर केंद्रित था। इसमें हेड ऑफ टैलेंट एक्विज़िशन, ElectraEV श्री राजीव यादव, एवीपी और कैंपस हेड, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड डॉ. स्वर्णप्रीत सिंह, मानव संसाधन और एलएंडडी पेशेवर सुश्री हरप्रिया सुश्री हरप्रीया और स्ट्रैटेजिक एचआर लीडर श्री ऋषव देव ने भाग लिया। पैनल चर्चा से यह निष्कर्ष सामने आया कि प्रभावी नेतृत्व वह है जो दृष्टि, मूल्यों और कौशल का संतुलित मेल स्थापित करता है। ऐसा नेतृत्व न केवल नई सोच को बढ़ावा देता है, बल्कि लोगों को अपनी पूर्ण क्षमता के साथ उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित भी करता है
‘नेतृत्व 3.0’ ने एक बार फिर यह साबित किया कि आईआईएम बोधगया नेतृत्व पर विमर्श को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘नेतृत्व’ अब एक ऐसा मंच बन चुका है जो विचार, संवाद और प्रेरणा, तीनों का संगम है, और उभरते नेतृत्वकर्ताओं को तेजी से बदलती दुनिया में सार्थक प्रभाव के साथ नेतृत्व करने के लिए प्रेरित करता है।