कुटुंबा ,औरंगाबाद एवं नबीनगर विधानसभा क्षेत्र के अभ्यर्थियों की तृतीय लेखा जांच संपन्न.

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विश्वनाथ आनंद

औरंगाबाद( बिहार )-बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के सफल एवं पारदर्शी संचालन के क्रम में व्यय प्रेक्षक के पर्यवेक्षण में कुटुंबा, औरंगाबाद एवं नबीनगर विधानसभा क्षेत्रों के अभ्यर्थियों की तृतीय लेखा जांच संपन्न

बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के शांतिपूर्ण, स्वच्छ एवं पारदर्शी संचालन हेतु भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली द्वारा जारी दिशा-निर्देशों तथा आयोग द्वारा प्राप्त कॉम्पेंडियम ऑफ इंस्ट्रक्शन (Compendium of Instructions) के आलोक में आज औरंगाबाद जिला अंतर्गत नबीनगर कुटुंबा एवं औरंगाबाद विधानसभा के निर्वाचन व्यय के अनुश्रवण एवं संधारण से संबंधित गतिविधियों की समीक्षा एवं जांच का कार्य संपन्न हुआ।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा औरंगाबाद जिले हेतु मनोनीत व्यय प्रेक्षक श्री ईशान रीमान खड़कोगर के पर्यवेक्षण में कुटुंबा, औरंगाबाद एवं नबीनगर विधानसभा क्षेत्रों के सभी प्रत्याशियों के लिए तृतीय लेखा जांच (Third Accounting Inspection) का आयोजन जिला मुख्यालय स्थित वाणिज्य कर कार्यालय, औरंगाबाद में संचालित निर्वाचन व्यय लेखा कोषांग में किया गया।

इस तृतीय लेखा जांच के दौरान प्रत्येक अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय विवरण की बारीकी से जांच की गई। इसमें प्रत्याशियों द्वारा प्रस्तुत की गई कैश बुक, व्यय रजिस्टर, भुगतान रसीदें, विज्ञापन व्यय, वाहन उपयोग विवरण, सभा/रैली आयोजन खर्च, पोस्टर-बैनर छपाई, मीडिया विज्ञापन व्यय, बैंक खाता विवरण एवं अन्य संबंधित दस्तावेजों का परीक्षण निर्वाचन व्यय अनुश्रवण शाखा के पदाधिकारियों द्वारा किया गया।

व्यय प्रेक्षक श्री ईशान रीमान खड़कोगर ने जांच के दौरान उपस्थित सभी अभ्यर्थियों एवं उनके निर्वाचन व्यय अभिकर्ताओं (Election Expenditure Agents) को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित व्यय सीमा, लेखा संधारण के प्रारूप, और पारदर्शी लेखा प्रस्तुतिकरण के विषय में विस्तारपूर्वक मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों द्वारा संधारित प्रत्येक व्यय प्रविष्टि आयोग के निर्धारित मानक के अनुरूप होनी चाहिए तथा सभी खर्चों के लिए विधिवत रसीद एवं भुगतान प्रमाण अवश्य संलग्न किया जाए।उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि आयोग द्वारा निर्धारित व्यय सीमा के उल्लंघन, अपारदर्शी या अपूर्ण लेखा प्रस्तुतीकरण अथवा अनुचित खर्च के उपयोग की स्थिति में आवश्यकतानुसार आयोग के निर्देशानुसार विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।

कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए रवि रंजन आलोक राज्य कर संयुक्त आयुक्त सह नोडल पदाधिकारी निर्वाचन व्यय लेखा कोषांग एवं सहायक नोडल पदाधिकारी गुंजन कुमार ने बताया कि जिला निर्वाचन व्यय अनुश्रवण का उद्देश्य केवल नियंत्रण नहीं बल्कि निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करना है। उन्होंने निर्वाचन व्यय संधारण में डिजिटल साधनों के उपयोग को भी प्रोत्साहित किया ताकि अभ्यर्थियों को सटीक और समयबद्ध रिपोर्ट तैयार करने में सुविधा हो। इस अवसर पर सभी सहायक व्यय प्रेक्षक, शोभा कुमारी गुलफसा नाज रश्मि सिंह विशाल कुमार राहुल कुमार पवन कुमार आदि उपस्थित थे।बैठक के दौरान व्यय प्रेक्षक श्री खड़कोगर ने यह भी निर्देश दिया कि सभी अभ्यर्थी आगामी निर्धारित तिथि तक अपने व्यय विवरणों का अद्यतन (update) करते रहें तथा अंतिम लेखा जांच से पूर्व सभी प्रविष्टियों की सटीकता सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निर्वाचन व्यय अनुश्रवण न केवल अभ्यर्थियों की जवाबदेही को दर्शाता है बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनविश्वास को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।इस तृतीय लेखा जांच के माध्यम से औरंगाबाद जिले में निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता, निष्पक्षता एवं विश्वसनीयता को और अधिक सुदृढ़ता प्राप्त हुई है।

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