टिकारी विधानसभा के( हम पार्टी) प्रत्याशी डॉ अनिल कुमार पर अपराधियों ने जनसंपर्क अभियान के दौरान किया जानलेवा हमला.

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विश्वनाथ आनंद

टिकारी/ पटना (बिहार)- टिकारी बिहार विधानसभा के हम पार्टी के प्रत्याशी सह तत्कालीन टिकारी विधायक डॉ अनिल कुमार पर दिघोरा गांव के समीप जनसंपर्क अभियान के दौरान अपराधियों ने जानलेवा हमला किया है. जिससे डॉ कुमार बाल- बाल बच गए. इस संबंध में टिकारी तत्कालीन विधायक सह हम पार्टी के प्रत्याशी डॉ अनिल कुमार ने मीडिया से खास बातचीत के दौरान कहा कि जनसंपर्क अभियान के दौरान दिघोरा गांव के समीप अपराधियों ने तांडव मचाते हुए जानलेवा हमला किया है. जिससे मैं बाल बाल बच गया हूं. उन्होंने आगे कहा कि पहले लगभग 50 की संख्या में अपराधियों ने जनसंपर्क अभियान के दौरान पहुंचा, फिर देखते-देखते काफी संख्या में हो गए. मेरे काफिले पर अपराधियों ने ईट ,पत्थर एवं डंडे से हमला कर दिया. जिसमें चोटे आई है. तथा मेरे समर्थकों के साथ मारपीट भी किया गया है. उन्होंने कहा कि इस तरह की टिकारी में मेरे साथ पहली घटना घटी है. जो दुर्भाग्यपूर्ण है. इस घटना की जितना भी निंदा किया जाए कम है. उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी गण हार की हताशा देख रही है ,जिसके लेकर जनसंपर्क अभियान के दौरान अपराधियों द्वारा हमला कराया गया है. उन्होंने घटना की उच्च स्तरीय कमेटी से जांच कराते हुए अपराधियों के ऊपर कार्रवाई करने की मांग किया है. वही हम पार्टी के सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने तत्कालीन टिकारी विधायक हम पार्टी के प्रत्याशी डॉ अनिल कुमार पर जनसंपर्क अभियान के दौरान अपराधियों द्वारा तांडव मचाते हुए जानलेवा हमले किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मीडिया को बताया कि जिस प्रकार से प्रतिनिधियों पर हमला कराया जा रहा है, जिससे बिहार में एक बार फिर जंगल राज कायम करना चाहता है. लेकिन बिहार की जनता बिहार में पुन: जंगल राज की वापसी नहीं चाहती . उन्होंने आगे कहा कि बिहार की जनता सब समझ चुकी है ,इस बार बिहार की जनता वोट की चोट से जवाब देगी. वही विपक्षियों ने लगाई गई आरोप को बेबुनियाद एवं मनगढ़ंत बताते हुए कहा कि जन समर्थन न मिलने की परिस्थिति को देखते हुए आरोप लगाई जा रही है. जो उचित नहीं है. हालांकि एनडीए के समर्थको एवं कार्यकर्ताओं ने घटना की निंदा करते हुए टिकारी विधायक सह हम प्रत्याशी डॉ अनिल कुमार को सुरक्षा प्रदान करने एवं घटना की जांच करते हुए अपराधियों के ऊपर कार्रवाई करने की मांग स्थानीय प्रशासन एवं बिहार राज्य निर्वाचन आयोग से किया है.