हिंसा जनआंदोलन की आत्मा को नष्ट कर देती है – सोनी मिश्रा.

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विश्वनाथ आनंद

पटना( बिहार )-समाजसेविका एवं मानवाधिकार सदस्य सोनी मिश्रा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि हिंसा जनआंदोलन की आत्मा को नष्ट कर देती है, जबकि अहिंसक मार्ग ही समाज को दिशा देता .उन्होंने कहा कि नेपाल जैसे शांतिप्रिय और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश में विद्रोह या आंदोलन का हिंसक रूप लेना वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है।लोकतंत्र और जनांदोलन का आधार संवाद, शांति और सहमति होना चाहिए, न कि हिंसा और भय। उन्होंने कहा कि वहां के उग्र आंदोलन में पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी राजलक्ष्मी चित्रकार जैसी सम्मानित महिला को जीवित जलाने जैसी अमानवीय घटना घटती है, तो यह आंदोलन का स्वरूप नहीं, बल्कि अराजकता और क्रूरता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सच्चे जनआंदोलन का आधार लोकतांत्रिक मूल्यों, शांतिपूर्ण विरोध और रचनात्मक संवाद पर होता है।हिंसा कभी भी स्थायी समाधान नहीं दे सकती, न ही उसे जनभावनाओं का प्रतिबिंब माना जा सकता है। श्रीमती

सोनी मिश्रा ने कहा कि पड़ोस में या आसपास यदि अशांति, विवाद या कोई समस्या होती है, तो उसके प्रभाव से हम पूरी तरह अछूते नहीं रह सकते। जैसे आग पड़ोस में लगे तो उसकी लपटें और धुआँ हमारे घर तक भी पहुँच सकता है, उसी तरह सामाजिक या पारिवारिक विवाद, अशांति और वैमनस्य का असर हम पर भी पड़ता है. उन्होंने कहा कि भगवान पशुपतिनाथ से मेरी प्रार्थना और कामना है है कि नेपाल में यथाशीघ्र शांतिपूर्ण वातावरण का निर्माण हो और खुशहाली आये !

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