स्व.आचार्य किशोर कुणाल ने बितीय भ्रष्टाचार से संबंधित गंभीर आरोप लगाए
बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के कार्यकलाप की जांच की मांग बिहार के कर्तब्यनिष्ठ मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से करते हुए बर्खास्त करने की मांग सर्वधर्म सर्वसंत समाज के अध्यक्ष सह श्री उदासीन संगत अमावां,रजौली के महंत श्री शक्ति मुनि ने किया है।
माननीय मुख्यमंत्री को जारी आवेदन में आवेदक ने समाज में चल रही चर्चा का हवाला देते हुए लिखा है! कि माननीय अध्यक्ष बोर्ड के बिधाई कार्यों को करने में सक्षम नहीं हैं। वे पुरी तरह असक्षम हैं।अध्यक्ष ने पुरा कार्यालय एवं कार्यभार वैसे कर्मचारी पर सौंप दिया है।जिस पर बोर्ड के तत्कालीन सदस्य स्व.आचार्य किशोर कुणाल ने बितीय भ्रष्टाचार से संबंधित गंभीर आरोप लगाए थे। बर्तमान में बोर्ड का सारा फैसला वही ब्यक्ति लेता है। माननीय अध्यक्ष के कार्यालय आते ही बगल में उस को कर्मचारी को अध्यक्ष बुला लेते हैं।और अक्षमता के कारण सारा फैसला उसी कर्मचारी का होता है।जो न्यासधारीयों के भयादोहन/संवैधानिक कार्यों में गड़बड़ी का मुख्य कारण है।अध्यक्ष महोदय के चैम्बर में सी सी टी भी कैमरा लगवाकर उसका लिंक मंगवाकर देखा जा सकता है! या निगरानी विभाग से जांच करायी जा सकती है।या मुख्यमंत्री अपने स्तर जांच कर सकते हैं।
जिलास्तर पर कार्यों का बंटवारा इस प्रकार से है कि किसी को एक जिला तो किसी को सात जिला।
जारी बयान में भोलेबाबा से मशहूर शक्ति मुनि ने कहा है कि फर्जी कागजात के आधार पर उत्तर प्रदेश का भगोड़ा ,कई कांडों का अभियुक्त, उदासीन अखाड़े से निष्कासित धार्मिक न्यास बोर्ड में ही असंवैधानिक हरकत करने वाला चरित्रहीन ,बहुरूपिया दयानंद मुनि को बिना स्थानीय अधिकारियों के मंतव्य के ,जमीनी स्तर पर बिना जांच के, बिना किसी प्रोसेस के पटना उच्च न्यायालय के आदेश को नजरंदाज करते हुए अमावां का महंत पत्रांक ……… द्वारा घोषित कर दिया। जबकि जब वह फुलवारी शरीफ, पटना के उदासीन संगत के प्रबंधन हेतु जारी पत्रांक। में सारे आरोप धार्मिक न्यास बोर्ड ने ही लगाए हैं।फिर बिना प्रोसेस उसी ब्यक्ति का महिमा मंडन बिना भ्रष्टाचार के संभव है, क्या ? माननीय अध्यक्ष द्वारा अनेक मठों में विवादास्पद ब्यक्ति को पदासीन किया गया।जो बिना भ्रष्टाचार संभव नहीं है। जिसे समयानुसार पेश किया जाएगा।
समाज में जारी चर्चा का हवाला देते हुए कहा है! कि न्यासधारीयों द्वारा दिए गए आवेदन का /स्वयं मिलकर न्यासहित में निवेदन का बर्तमान अध्यक्ष की नजरों कोई वैल्यू नहीं है। जिससे बोर्ड में रजिस्टर्ड हिंदु धार्मिक स्थलों पर नकारात्मक असर पड़ना शूरू हो चुका है। जबकि बर्तमान बोर्ड का गठन भी अभी कुछ माह पहले हुआ है।
ज्ञात हो कि बर्तमान न्यास बोर्ड अध्यक्ष सरकार में भाजपा कोटे से हैं।और समाज में चर्चा है कि आर एस एस के कोई मोहन सिंह जी हैं।उनका संरक्षण इन्हें प्राप्त है।उसी मद में ये पटना उच्च न्यायालय के आदेश को भी नजरंदाज कर रहे कि स्थानीय अधिकारियों के मंतव्य से ही न्यासधारी घोषित करना चाहिए।
सर्वधर्म संत समाज के अध्यक्ष श्री शक्ति मुनि उर्फ भोले बाबा ने उक्त आशय की जानकारी भारत के धर्मपुत्र प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सामाजिक न्याय अधिकारीता मंत्री, बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री बिधि मंत्री, सचिव बिधि बिभाग , प्रदेश भाजपा कार्यालय पटना, केंद्रीय भाजपा कार्यालय नई दिल्ली,आर एस एस कार्यालय नागपुर को भी इस बिंदु की सूचना एक जिम्मेवार संत होने के नाते देकर जांचोपरांत बर्खास्तगी की मांग की है।साथ ही जांच अवधि तक इनके कार्यकलाप पर रोक की मांग की है। अन्यथा भाजपा केंद्रीय कार्यालय नई दिल्ली या आर एस एस मुख्यालय नागपुर के समक्ष आत्मदाह की घोषणा की है।