प्रशासनिक क्षमता बढ़ाने में आईआईएम बोधगया बना बिहार सरकार का सशक्त साझेदार.
विश्वनाथ आनंद
पटना (बिहार )-आईआईएम बोधगया ने बिहार प्रशासकीय सुधार मिशन सोसाइटी (बीपीएसएमएस) के माध्यम से बिहार सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत आईआईएम बोधगया को मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना का शैक्षणिक और ज्ञान साझेदार बनाया गया है। इस योजना का उद्देश्य बिहार के 121 प्रशिक्षित युवा निवासियों को फेलो के रूप में शामिल करना है, जो राज्य, प्रमंडल, जिला और नगर स्तर पर नीति निर्माण, प्रशासनिक निर्णय और विकास योजनाओं में योगदान देंगे।समझौते के तहत आईआईएम बोधगया फेलोज़ के लिए पूरा शैक्षणिक पाठ्यक्रम, चयन सहयोग, कक्षा प्रशिक्षण, व्यावहारिक शिक्षा, मार्गदर्शन, नियमित मूल्यांकन और संचालन करेगा। बिहार सरकार तैनाती, प्रशासनिक प्रक्रियाओं और वित्तीय सहयोग का समन्वय करेगी। यह सहयोग राज्य की उस सोच को आगे बढ़ाता है जिसमें युवा प्रशासनिक पेशेवरों का एक समूह बनाया जाए, जो बेहतर सेवा प्रदान करने, नीति लागू करने में स्पष्टता लाने और सरकारी व्यवस्थाओं में नवाचार को बढ़ावा दे सकें। ये फेलो जिला अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक विभिन्न स्तरों पर काम करेंगे।आईआईएम बोधगया लगातार बिहार प्रशासनिक सेवा और बिहार पुलिस सेवा के अधिकारियों के लिए नेतृत्व और प्रबंधन कार्यक्रम आयोजित करता रहा है, जिनमें प्रशासनिक प्रभावशीलता, सार्वजनिक नेतृत्व, निर्णय-निर्माण और नागरिक-केंद्रित सेवा जैसे विषय शामिल हैं। इन कार्यक्रमों ने जल संसाधन, परिवहन, योजना, पंचायती राज और अन्य तकनीकी विभागों के अधिकारियों की प्रबंधकीय क्षमता को मजबूत किया है।
एमओयू पर बोलते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) विनीता एस सहाय ने कहा कि यह सहयोग आईआईएम बोधगया की राष्ट्र-निर्माण में भूमिका और विकसित भारत व विकसित बिहार के लक्ष्य को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि यह फेलोशिप युवा प्रतिभाओं को विश्लेषण क्षमता, प्रशासनिक समझ और नेतृत्व कौशल प्रदान करेगी, जिससे वे बिहार की विकास प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने और शासन को बेहतर बनाने में योगदान दे सकें। मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना सार्वजनिक सेवा के लिए सक्षम, नैतिक और जिम्मेदार नेताओं को तैयार करने के आईआईएम बोधगया के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।