संस्कृति ज्ञान परीक्षा भारतीय संस्कृति, परंपराओं और नैतिक मूल्यों को जानने का सशक्त माध्यम है - छठु साह - Newslollipop

संस्कृति ज्ञान परीक्षा भारतीय संस्कृति, परंपराओं और नैतिक मूल्यों को जानने का सशक्त माध्यम है – छठु साह

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संतोष कुमार ।

जमालपुर | सरस्वती विद्या मंदिर, दौलतपुर, जमालपुर में संस्कृति ज्ञान परीक्षा के सफल आयोजन हेतु दौलतपुर संकुल के सभी प्रधानाचार्यों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता दौलतपुर संकुल के संकुल प्रमुख सह प्रधानाचार्य छठु साह ने की।बैठक का मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषतः शहर के सभी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों की अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए योजनाएं बनाना था। इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार, शिक्षक संवाद, प्रेरक गोष्ठियों का आयोजन, अभ्यास कक्षाओं की व्यवस्था तथा डिजिटल माध्यमों के प्रभावी उपयोग पर विशेष बल दिया गया।संकुल प्रमुख छठु साह ने कहा कि संस्कृति ज्ञान परीक्षा केवल एक परीक्षा नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और नैतिक मूल्यों को जानने और अपनाने का सशक्त माध्यम है। यह परीक्षा छात्रों को शैक्षिक ही नहीं, बल्कि नैतिक रूप से भी समृद्ध बनाती है। हमें इसे जन-जन तक पहुंचाना है।

संकुल सहप्रमुख एवं सरस्वती शिशु मंदिर, केशोपुर जमालपुर के प्रधानाचार्य प्रभाष कुमार ने सुझाव दिया कि सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से सीधे संवाद स्थापित कर परीक्षा के महत्व से अवगत कराया जाए। साथ ही सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप्स, और स्थानीय केबल चैनलों के माध्यम से प्रचार-प्रसार को गति दी जाए।सरस्वती शिशु मंदिर, मुंगेरपथ, जमालपुर की प्रधानाचार्या किरण कुमारी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि छात्राओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए अलग से काउंसलिंग सत्र रखे जाएं तथा अभिभावकों से संवाद किया जाए, जिससे घर-परिवार से भी समर्थन प्राप्त हो। वहीं सरस्वती शिशु मंदिर, फुलका के प्रधानाचार्य दिनेश कुमार ने कहा कि परीक्षा की तिथि, पाठ्यवस्तु और पुरस्कार से संबंधित सूचनाएं स्पष्ट और समयबद्ध तरीके से प्रचारित की जानी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष शिविर लगाकर छात्र-छात्राओं को जोड़ा जाए।सरस्वती शिशु मंदिर, इन्द्ररुख के प्रधानाचार्य साकेत कुमार ने कहा कि शिक्षक ही इस अभियान के प्रेरक हैं। अतः प्रत्येक विद्यालय में शिक्षकों की बैठक बुलाकर उन्हें प्रेरित किया जाए कि वे विद्यार्थियों को इस परीक्षा में भाग लेने के लिए उत्साहित करें।सरस्वती शिशु मंदिर, सफियाबाद के प्रभारी शशिकांत सिंह ने सुझाव दिया कि प्रत्येक विद्यालय में स्थानीय कार्यसमिति गठित कर उसके दायित्व तय किए जाएं, ताकि परीक्षा से संबंधित कार्यों में सुव्यवस्था बनी रहे और समय पर पंजीकरण पूर्ण हो सके।बैठक के अंत में यह निर्णय लिया गया कि आगामी दिनों में नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएंगी और एक निश्चित लक्ष्य तय कर अधिकाधिक विद्यार्थियों को संस्कृति ज्ञान परीक्षा से जोड़ने का अभियान पूरे समर्पण के साथ चलाया जाएगा।