शब- ए- बारात रज्जब इबादत बीज बोने का, रमजान फसल काटने का महीना है-हाफिज अनवर अली - Newslollipop

शब- ए- बारात रज्जब इबादत बीज बोने का, रमजान फसल काटने का महीना है-हाफिज अनवर अली

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विश्वनाथ आनंद ।
गया (बिहार)- गयाजी धाम के स्थानीय डॉक्टर विवेकानंद पथ गोल बगीचा स्थित आयुर्वेद भवन में प्रेस द्वारा पूछे गए शब- ए- बारात संबंधी प्रश्न का उत्तर देते हुए कौटिल्य मंच के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं सामाजसेवी हाफिज अनवर अली ने कहा कि यह इस्लामी साल का आठवां महीना है lउन्होंने कहा कि शब का अर्थ होता है रात और बारात का मतलब है बरी होना। इस आधार पर हम कर सकते हैं कि शब- ए- बारात गुनाहों की माफी मांगने का और अल्लाह की इबादत कर अपनी पापों को दूर करने की रात है।

सूर्यास्त के बाद शबे बरात की रात शुरू होती है यद्यपि पवित्र कुरान में शब ए बारात का प्रत्यक्ष उल्लेख नहीं है। फिर भी कई हदीसे हैं ,जो 15वीं की तारिख पर शाबान में दिए गए महत्व पर जोर देती हैl इस्लामी साल का आठवां महीना महीने की 15वीं की रातें दूसरे महीनो की बहुत सी रातों से पवित्र रात है। इस महीने में इबादत रजब बीज को बोने का महीना है। और रमजान उस बीज से उगने वाली फसल को ही काटने का महीना है। शब का अर्थ होता है क्षमा की रात। इस मौके पर विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर विवेकानंद मिश्र हाफिज अनवर अली, अख्तर अली कलाम खान, सीतारा खातून, हाजरा खातून, आसमा खातून, दिलकश बेगम, तरन्नुम, तारा मनीषा देवी, मोहम्मद मासूक साहब,तस्लीम नुसरत परवीन, अंजुम यादि उल्लेखनीय है।