यशोधरा की काव्य यात्रा में एक महिला की विरह संपूर्ण समाज की महिला का प्रतिनिधित्व करती है - Newslollipop

यशोधरा की काव्य यात्रा में एक महिला की विरह संपूर्ण समाज की महिला का प्रतिनिधित्व करती है

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मनोज कुमार ।

गया, बिहार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पशुपालन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एन विजय लक्ष्मी ने बोधगया के कालचक्र मैदान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव 2025 के प्रथम दिन मैथिली शरण गुप्त की महाकाव्य यशोधरा पर आधारित नित्य नाटिका प्रस्तुत कि जिसकी सराहना आम आवाम के साथ साथ कार्यक्रम में मौजूद सभी अधिकारियों ने किया। यशोधरा की काव्य यात्रा में एक महिला की विरह संपूर्ण समाज की महिला का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें एक अर्धांगिनी के रूप में अपने पति के प्रति शिकायत और उनके उत्कर्ष दोनों को रेखांति किया गया है।

एक वर्षीय बालक की मां यशोधरा अपने पुत्र के भरण पोषण और पारिवारिक दायित्व का निर्वहन करते हुए सिद्धार्थ के प्रति उलाहना का भाव सखियों को बताया गया है, यह दृश्य मार्मिक और दायित्व के बन्धन को एक साथ प्रदर्शित करता है। उनके द्वारा प्रस्तुत नृत्य नाटिका की दर्शकों के साथ साथ जिलाधिकारी डा त्यागराजन एसएम ने भी की कहा कि एक वरिष्ठ अधिकारी का दायित्व निर्वहन करते हुए उनकी साहित्यिक सोच सराहनीय है। इस प्रस्तुति के माध्यम से लोगों को आपस में जोड़ने का सीख मिलती है।यशोधरा की काव्य यात्रा में एक महिला की विरह संपूर्ण समाज की महिला का प्रतिनिधित्व करती है, उपस्थित श्रोताओं ने प्रस्तुति का किया सराहना ।