बिहार राज्य के सरकारी विद्यालयों के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी की गई छुट्टी लिस्ट शिक्षकों को प्रताड़ित करने वाला तथा मनोबल गिराने वाला है- सत्येंद्र कुमार . - Newslollipop

बिहार राज्य के सरकारी विद्यालयों के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी की गई छुट्टी लिस्ट शिक्षकों को प्रताड़ित करने वाला तथा मनोबल गिराने वाला है- सत्येंद्र कुमार .

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विश्वनाथ आनंद
औरंगाबाद( बिहार):– बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ(गोप गुट)’मूल’ की जिला कमिटी:- औरंगाबाद बिहार राज्य के सरकारी विद्यालयों के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी की गई छुट्टी-लिस्ट को शिक्षकों को प्रताड़ित करने तथा उनका मनोबल गिराने वाली कार्रवाई मानती है । यह छुट्टी-लिस्ट उस मानसिकता से निकली हुई प्रतीत होती है ,जिस मानसिकता के तहत शिक्षकों को समाज-निर्माता अथवा राष्ट्र-निर्माता नहीं बल्कि महज एक गुलाम समझा जाता है । बिहार के शिक्षकों ने जरूरत पड़ने पर जनहित में बाढ़, सुखाड़,महामारी,इत्यादि आपदाओं के समय चौबीसों घंटा और अन्य छुट्टी की अवधियों में भी कार्य किया है ! लेकिन यदि सरकार शिक्षकों को हरदम अपमानित-प्रताड़ित करने वाली कार्रवाईयां करना जारी रखती है तो बिहार के शिक्षक अपनी गरिमा पर की गई किसी भी चोट को बर्दाश्त नहीं करेंगे तथा इसका कारागार प्रतिरोध करेंगे । यह छुट्टी-लिस्ट भी बिहार सरकार का एक ऐसा ही निर्णय है जिसे बिहार के शिक्षक अपने सम्मान के खिलाफ और अपनी गरिमा पर चोट करने वाला निर्णय समझते हैं.बिहार सरकार ने राज्य स्तर पर सरकारी विद्यालयों के लिए जो छुट्टी लिस्ट जारी की है वह अपने आप में अजीबोगरीब है । इस छुट्टी लिस्ट में सरकार ने साल में कुल मिलाकर 60 दिनों का अवकाश दिखला दिया है लेकिन कई अवसरों पर अवकाश को रविवार के दिन वाला भी जोड़ दिया गया है जबकि उस दिन यूं हीं सार्वजनिक अवकाश रहता है । यही नहीं महिलाओं के लिए अति-महत्वपूर्ण पर्व- रक्षा-बंधन, तीज-व्रत एवं जीवित-पुत्रिका व्रत की छुट्टियां भी इस लिस्ट से गायब हैं जबकि आज सरकारी विद्यालयों में लगभग आधी संख्या में महिला शिक्षिकाएं कार्यरत हैं ! इस छुट्टी लिस्ट में इन महिला शिक्षिकाओं की भावनाओं का भी कोई खयाल नहीं रखा गया है । इसी तरह से गर्मी की छुट्टी में केवल बच्चों के लिए अवकाश घोषित करते हुए उक्त अवधि में शिक्षकों को विद्यालय आने के लिए कहा गया है ! चलिए,ठीक है ! गर्मी की छुट्टी में भी शिक्षक विद्यालय आयेंगे । लेकिन क्या सरकार शिक्षकों को भी अन्य सरकारी कर्मियों की तरह साल में 13 दिन के बदले 33 दिन अर्जित अवकाश(EL) देगी ? हम राज्य सरकार द्वारा विद्यालय की छुट्टियों में बड़े पैमाने पर की गई दंडीमारी का पुरजोर विरोध करते हैं तथा राज्य सरकार से यह मांग करते हैं कि वह इस छुट्टी लिस्ट को निरस्त कर पूर्व की भांति स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को हीं साल में देय 60 दिन के अवकाश को तर्क-संगत ढंग से तय करने का अधिकार उन्हें फिर से प्रदान करे ! अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो इसे सरकार द्वारा शिक्षकों को आंदोलन के लिए आमंत्रण माना जाएगा । अगर सरकार छुट्टियों में अनुचित तरीके से कटौती कर के शिक्षकों को आंदोलन के लिए आमंत्रित करती है तो शिक्षक सरकार के इस आमंत्रण को स्वीकार करेंगे तथा उक्त अन्याय के खिलाफ जुझारू एवं धारावाहिक आंदोलन में उतरने के लिए बाध्य होंगे.