कंवल तनुज जब औरंगाबाद के डीएम थे, तो महादलित टोलों में मानते थे मकर संक्रांति का महापर्व

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विश्वनाथ आनंद ।
औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद जिला के पूर्व डीएम कंवल तनुज के द्वारा भेजा गया तिलकुट से महादलित बस्ती गुलजार हो गया। मकर संक्रांति पर साथ में चूड़ा, गुड़, दही हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बहनों और भाइयों के बीच पूर्व डीएम ने मकर संक्रांति का गुलाब का फूल भिजवाकर दिया। समाजसेवी मो. शाहनवाज रहमान द्वारा महादलित टोलों में चूड़ा तिलकुट वितरण किया गया। बता दें कि जब कंवल तनुज औरंगाबाद के डीएम थे तो महादलित टोलों में आकर मकर संक्रांति मनाते थे। वे जब औरंगाबाद से छोड़ते हुए रास्ते में हर एक मोड़, हर एक गली को देखता हुआ जा रहा था। और सोच रहा था कि शायद कुछ दिनों में सब भूल जाएंगे कि कंवल तनुज नाम का कोई व्यक्ति कभी यहां रहा भी होगा। लेकिन प्रत्येक बार आप लोग मुझे गलत साबित कर देते हैं, और मुझे इस बात के लिए गलत साबित होने में बहुत खुशी का एहसास होता है। क्या सच में ऐसी कोई जगह हो सकती है, और ऐसे लोग हो सकते हैं ? मैं जानता हूँ वो कौन सी जगह है, वो कौन से लोग हैं आप सभी को आभार।औरंगाबाद में जिलाधिकारी का पद संभलकर लोगों के दिलों पर राज करने वाले, बेहद ही व्यवहारिक, कांच के प्रति समर्पित एवं बहुमुखी व्यक्ति के धनी बिहार वन एवं पर्यावरण विभाग के पटना में पदस्थापित अपर सचिव कंवल तनुज आज भी यहां के लोगों की यादों में समाहित है यही कारण है कि यहां के लोगों के लिए पर्व त्यौहार में याद करते हैं और शुभकामनाएं भेजते हैं

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जब तक औरंगाबाद में जिलाधिकारी के पद पर रहे तो हमेशा मकर संक्रांति के मौके पर महादलित बस्ती में भाई और बहनों के बीच तिलकुट और चूड़ा का एक साथ बैठकर भोजन करते थे और एक साथ मिलकर पर्व को मानते थे औरंगाबाद से जाने के बाद भी 2019 से लगातार जहां भी रहे तो मकर संक्रांति के मौके पर वहीं से तिलकुट छुड़ा दही गुड अपने को भिजवाने का काम करते थे। औरंगाबाद जब तक रहे तो वह हमेशा महादलित बस्ती में चाहे रक्षाबंधन का प्रभाव या मकर संक्रांति हो या होली का पर्व हो या दीपावली का पर्व हो यहां आकर एक साथ बैठकर बनाते थे और अपना खुशी में उपहार तक हम लोगों को देते थे जिलाधिकारी को बधाई देते हैं कहा कि मुझे इस बात पर गर्व हो रहा है कि आज पटना भी रहकर हम लोगों के भेज रहे हैं और याद कर रहे हैं इससे बड़ा और कोई तोहफा क्या हो सकता है। इस मौके पर
बीना देवी, संतोष कुमार राम, पिंकी देवी, राजकुमार राम, कालीचरण राम, प्रतीक राम, अजय राम, बंगाली राम, मालती देवी, रीता देवी, किरण कुंवर, प्रर्मिला देवी, बिट्टन राम, सनी राम, करण राम, नीला देवी मौजूद रहे।

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