वैश्य समाज के वोट को कैडर के नाम पर बपौती समझनेवाला भाजपा को समाज ने इस लोकसभा चुनाव में जमकर लताङा

संजय वर्मा ।

वैश्य समाज के वोट को कैडर के नाम पर बपौती समझनेवाला भाजपा को समाज ने इस लोकसभा चुनाव में जमकर लतियाया है यह प्रथम और द्वितीय चरण के चुनाव में खुलकर सामने आ गया है वैश्य वोटर भाजपा का बंधुआ है जाएगा तो जाएगा कहाँ इस मिथक को तोड़ दिया है जरूर यह नहीं कह सकते कि शत प्रतिशत वोट छींटक गया पर 50%वोट तो भाजपा की झोली से निकल ही गई सुत्रपात तो तभी हुई जब एनडीए में वैश्यों की उपेक्षा हुई टिकट वितरण में जदयू ने अपनी 16 सीट में एक भी वैश्य को टिकट नहीं दिया सीतामढी से सांसद सुनील पिंटू का टिकट काट दिया तो भाजपा ने एकमात्र सीट डॉ संजय जायसवाल को बेतिया से दिया शिवहर से लगातार जीत कर रही रमा देवी का टिकट काट दिया और इस सीट को जदयू के हवाले कर दिया जदयू ने बाहुबली आनन्द मोहन की पत्नी लवली आनन्द को चुनावी अखाड़े में उतारा लालू यादव ने रामा सिंह जैसे को टिकट काट रितु जायसवाल को टिकट दिया।

रितु जायसवाल राजद की चर्चित महिला नेत्री है वो बगल के सीतामढ़ी के सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया होते हुए प्रधानमंत्री नरेंद मोदी सहित कई जगहों का बेस्ट मुखिया अवार्ड ले चुकी अपने जुझारू और संघर्षशील तेवर के कारण राष्ट्रीय स्तर पर पहचान कायम कर चुकी है वैश्य समाज तो गोलबंद है ही साथ ही सवर्ण सहित अन्य वर्गों का समर्थन भी प्राप्त हो रहा आनन्द मोहन ने जिस भाषा मे ये कहा कि उनको वैश्य कोइरी कुर्मी का वोट नही चाहिये और फिर भाजपा विधायक पवन जायसवाल या लालबाबू प्रसाद के साथ बदतमीजी की उसका भारी नुकसान उन्हें उठाना पड़ रहा रितु जायसवाल की सादगी मिलनसार स्वभाव वोटरों को आकर्षित कर रही है कह सकते है कि रितु जायसवाल की जीत रिकॉर्ड मतों से होगी इसी तरह झंझारपुर के रण में वीआईपी से सुमन महासेठ है जिनका मुकाबला जदयू के रामप्रीत मंडल से है जबकि बसपा से गुलाब यादव वोटकटवा की भूमिका में सुमन महासेठ को वैश्यों के साथ अन्य वोट गोलबंद हो रहे मतलब वैश्य उम्मीदवार चाहे किसी दल से हो समाज चट्टानी एकता के साथ खड़ी वैश्य समाज मे आये इस बदलाव को भविष्य के लिये सुखद ऐतिहासिक अभूतपूर्व संकेत कह सकते है।

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