मुख्यमंत्री ने संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं की पूर्व तैयारियों की समीक्षा की

मनोज कुमार ।

मुख्य बिन्दु-

सभी तैयारियां ससमय पूरी कर ली जाय। आपदा प्रबंधन विभाग सतत् इसका अनुश्रवण करते रहे कि और क्या-क्या करने की जरूरत है ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो ।

हर चीज पर नजर रखनी है और पूरी तरह से सतर्क रहना है। मुस्तैदी के साथ सभी लोग लगे रहेंगे तो आपदा की स्थिति में लोगों को राहत मिलेगी।

हर घर नल का जल से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसे पूरी तरह मेंटेन रखें।

नदियों के गाद की उड़ाही एवं शिल्ट हटाने को लेकर तेजी से कार्य करें। इससे बाढ़ का खतरा भी कम रहेगा और नदियों की जल संग्रहण क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे सिंचाई कार्य में और सुविधा होगी

जल – जीवन – हरियाली अभियान के तहत जल संरक्षण कार्य की सतत् निगरानी करें। वृक्षारोपण के कार्य को और बढ़ाया जाय

नगर विकास एवं आवास विभाग नगर निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को जल्द से जल्द प्रशिक्षण करा दें ताकि उन्हें सभी दायित्वों की जानकारी हो और बेहतर समन्वय स्थापित हो सके।जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की स्थिति का आकलन करें, क्षेत्रों में जाकर वस्तु स्थिति की जानकारी लें, उसके अनुसार सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण रखें।

राज्य सरकार बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में प्रभावितों को हरसंभव मदद करती है, इसे ध्यान में रखते हुये सभी संबद्ध विभाग और अधिकारी सतर्क रहे।

पटना 19 अप्रैल 2023 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 01 अणे मार्ग स्थित ‘लोक संवाद’ में संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं की पूर्व तैयारियों की समीक्षा की।

बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक ने इस वर्ष मॉनसून सत्र के दौरान वर्षापात के पूर्वानुमान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई महीने में देश के अधिकांश हिस्सों, जिसमें बिहार राज्य भी शामिल है, जहां अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर / औसत से अधिक रहने की संभावना है। इस अवधि में लू चलने की संभावना बताई गई है। मॉनसून ऋतु में 96 प्रतिशत औसत वर्षा होने तथा बिहार में 952 मिली मीटर वर्षा होने का पूर्वानुमान है।

बैठक में आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं की पूर्व तैयारियों से संबंधित मुख्य बातों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया (एस0ओ0पी0) के अनुसार बाढ़ पूर्व सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। सभी जिलों एवं संबद्ध विभागों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने नाव संचालन, पॉलिथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन पैकेट्स / फूड पैकेट्स, जिला आपातकालीन संचालन केंद्र आदि के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान बाढ़ राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों को सभी प्रकार की सुविधायें उपलब्ध करायी जाती है। सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया जाता है और लोगों को गुणवतापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव श्री संजीव हंस, कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के प्रधान सचिव डॉ० बी० राजेन्दर, नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अरूनीश चावला, पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मिहिर कुमार सिंह, लघु जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री रवि मनु भाई परमार, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री उदयकांत मिश्रा ने अपने-अपने विभागों द्वारा संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं की स्थिति से निपटने को लेकर की गई तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी ।

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