भूदान की जमीन पर भूधारियों का हक विनोबा भावे की सच्ची श्रद्धांजलि _ कॉंग्रेस

मनोज कुमार ।
महान स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, भूदान आन्दोलन के प्रणेता संत विनोबा भावे की 42 वीं पुण्यतिथि गया के स्थानीय चौक स्थित इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल प्रांगण मे मनाई गई।सर्वप्रथम स्व विनोबा भावे के चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात्‌ उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह,, दामोदर गोस्वामी, विपिन बिहारी सिन्हा, शिव कुमार चौरसिया, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार,युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम, उज्ज्वल कुमार,आयुष सेठ आदि ने कहा कि विनोबा भावे 1951 में तेलंगाना से भूमि दान आन्दोलन शुरू किया गया था ।

जिसमें भूस्वामी द्वारा दान में दिए गए जमीन को भूमिहीनो के बीच वितरण कराने तथा 1954 में इनके द्वारा शुरू किए गए ग्राम दान अभियान में 10, 00 से ज्यादा गांवों दान में मिला था।नेताओं ने कहा कि बिहार राज्य के मध्य दक्षिण बिहार में हज़ारों, हजार गरीबो को भूदान में मिले जमीन पर दूसरे का क़ब्ज़ा है, तो कुछ उसे कौड़ी के भाव कच्चा काग़ज पर बेच भी दिया है, जो संत विनोबा भावे के भावना, आंदोलन, विचार, एवं उनके आत्मा के साथ खेलवाड होगा, जिसे सही लोगों तक जिन्हें भूदान से जमीन मिला है, उसकी हकीयत मिलना ही विनोबा भावे की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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