जीबीएम कॉलेज में गाँधी जयंती के अवसर पर लघु संगोष्ठी का किया गया आयोजन – डॉ0 कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी. -एनएसएस स्वयंसेवकों ने महाविद्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान भी चलाया.

विश्वनाथ आनंद
गया( बिहार )-गौतम बुद्ध महिला कॉलेज में एनएसएस इकाई द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 155 वीं जयंती के अवसर पर लघु संगोष्ठी का आयोजन हुआ। प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. सहदेब बाउरी, कॉलेज की एनएसएस पदाधिकारी डॉ. प्रियंका कुमारी, नैक समन्वयक डॉ शगुफ्ता अंसारी, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष सह पीआरओ डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी, डॉ. प्यारे माँझी, डॉ बनिता कुमारी, डॉ सुनीता कुमारी, डॉ सुरबाला कृष्णा एवं उपस्थित प्रोफेसरों एवं छात्राओं ने महात्मा गाँधी के छायाचित्र पर माला तथा पुष्प अर्पण करके श्रद्धांजलि दी। लघु संगोष्ठी में छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. सहदेब बाउरी ने महात्मा गाँधी को महामानव बताया। कहा कि गाँधीजी ने जाति प्रथा, संप्रदायवाद तथा भेदभाव का हमेशा विरोध किया। उन्होंने देश को अंंग्रेजों की हुकूमत से स्वतंत्रता दिलाने में अहम भूमिका निभायी। उन्होंने छात्राओं को अपने तथा अपने परिजनों के स्वास्थ्य तथा स्वच्छता पर ध्यान देने कहा, ताकि गाँधी जी के सपनों को साकार किया जा सके। अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ रश्मि प्रियदर्शनी ने महात्मा गाँधी को सत्य एवं अहिंसा का पुजारी बताते हुए कहा कि हम सभी को मनसा वाचा कर्मणा सत्यनिष्ठ तथा अहिंसक होने की आवश्यकता है। हम सभी को अपने खान-पान में शुद्ध सात्विक शाकाहार को अपनाने की परम आवश्यकता है, क्योंकि हमारे मन पर हमारे द्वारा ग्रहण किये गये अन्न का प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। जीव हत्या को महापाप बताते हुए डॉ रश्मि ने समाज को दलितों और शोषितों के उद्घारकर्ता महात्मा गाँधी के मानवतावादी आदर्शों पर चलने की बात कही। ज्ञातव्य है कि 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

संगोष्ठी में डॉ. रश्मि ने स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री, जिनकी जयंती 2 अक्टूबर को ही मनायी जाती है, के संघर्षशील तथा सरल जीवन को सभी भारतवासियों के लिए प्रेरणास्रोत तथा अनुकरणीय बतलाया। कहा कि देश और समाज के लिए अच्छा करने के लिए हमारा धनाढ्य या धनी परिवार से संबंधित होना जरूरी नहीं है। बस अपनी ओर से मातृभूमि और देशवासियों के लिए कुछ अच्छा करने की दृढ़ इच्छाशक्ति और लगनशीलता होनी चाहिए। नैक समन्वयक डॉ शगुफ्ता अंसारी ने महात्मा गाँधी द्वारा भारतीय गाँवों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाये जाने वाले कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत की राजनीति में महात्मा गाँधी के योगदान पर अपने विचार रखे। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. प्रियंका कुमारी ने महात्मा गाँधी के द्वारा भारतीय समाज में चलाये गये स्वच्छता अभियान पर अपने विचार रखे। कहा कि हमें अपने आस-पड़ोस को अनिवार्य रूप से स्वच्छ रखने की जरूरत है। डॉ प्रियंका की देखरेख में कॉलेज परिसर में एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा स्वच्छता अभियान भी चलाया गया। संगोष्ठी में प्रीति शेखर, डॉ शुचि सिन्हा, डॉ आशुतोष कुमार पांडेय, डॉ सीता एवं छात्रा अन्या, हर्षिता मिश्रा, शिल्पी, ईशा शेखर, अमीषा भारती, जूही, मुस्कान, कोमल, नीति, माया, वीणा, रिभा, अनीषा, सपना मधु, सीमा की भी उपस्थिति रही।