जाम से निजात दिलाने में प्रशासन फेल, तमाम कोशिशों के बावजूद लोगों को नहीं मिल रही राहत डीएम को भी जाम से निकलने में छूटने लगे पसीने, कई एंबुलेंस भी फंसे

दिवाकर तिवारी,

सासाराम। शहर के पुरानी जीटी रोड पर जाम की समस्या अब प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है। सड़कों पर अतिक्रमण, अवैध पार्किंग एवं ट्रैफिक नियमों की अनदेखी ने पूरे शहर को बेहाल कर रखा है और चंद मिनटों की दूरी घंटों में तय करने पर लोग पुलिस प्रशासन को कोसते नजर आ रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन के पहल पर जाम से निजात दिलाने को लेकर तरह-तरह के उपाय किए गए लेकिन आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। सुबह के 10 बजते ही शहर के पोस्ट ऑफिस चौराहा, कचहरी मोड़, काली स्थान, धर्मशाला मोड़ एवं गौरक्षणी में जाम का भयानक मंजर दिखने लगता है। सड़कों पर गाड़ियां रेंगने को मजबूर हो जाती हैं और जाम का आलम ऐसा कि लोगों का पैदल चलना भी दुश्वार हो जाता है। वहीं पोस्ट ऑफिस चौराहे पर तो पूरे दिन कमोबेश यही स्थिति बनी रहती है। जिससे स्कूल जाते वक्त एवं छुट्टी के बाद स्कूली बच्चे भी कई कई घंटों तक जाम में फंसे रहते हैं और उनके अभिभावक बच्चों के देर से घर आने से चिंतित हो जाते हैं। बता दें कि सड़कों पर होने वाले अतिक्रमण को लेकर समय-समय पर अभियान चलाया जाता है तथा अवैध पार्किंग में खड़े वाहनों का भी यातायात थाने द्वारा चालान किया जा रहा है, लेकिन बेहतर मॉनिटरिंग नहीं होने की स्थिति में जाम की समस्या अब रोजमर्रा की चीज बन चुकी है। सड़क किनारे अतिक्रमण करने वाले दुकानों, ठेले खोमचे एवं अवैध पार्किंग पर प्रशासन का कोई असर दिखाई नहीं देता है। साथ ही वाहन चालक एवं राहगीर भी ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं और टेंपो, रिक्शा एवं सिटी बस चालक भी नियमों की अनदेखी कर कहीं भी सड़क पर गाड़ी खड़ी कर यात्रियों को चढ़ाने व उतारने लगते हैं। ऐसे में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था का फेल होना स्वाभाविक है। दरअसल यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन द्वारा यातायात थाने का शुभारंभ कर काफी संख्या में ट्रैफिक पुलिस बल की तैनाती की गई है और शहर के सभी प्रमुख मोड़ पर ट्रैफिक सिग्नल भी लगाए गए हैं लेकिन अब तक ना ही ट्रैफिक सिग्नल चालू हो सके हैं और ना ही यातायात पुलिस लोगों को जाम से निजात देने में सफल हो रही है। पर्व त्योहारों के मौके पर शहर की मुख्य सड़कों का हाल और भी बुरा हो जाता है। मरीजों को ले जाने वाले एंबुलेंस भी आए दिन जाम में फंसते रहते हैं जिससे उनकी जान का खतरा बढ़ जाता है।
बड़ी बात है कि इधर बीते कई दिनों से जिलाधिकारी नवीन कुमार भी शहर में चरमराई यातायात व्यवस्था का शिकार हो रहे हैं। गुरुवार को आवास से अपने कार्यालय के महज 1 किलोमीटर के फासले को भी तय करने में डीएम के वाहन को आधे घंटे से अधिक का समय लग गया तथा ट्रैफिक पुलिस व उनके अंगरक्षकों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। जबकि पोस्ट ऑफिस चौराहे से लेकर काली स्थान के बीच लगे सड़क जाम में दो एंबुलेंस भी काफी देर तक फंसे रहे। जिससे शहर की यातायात व्यवस्था का साफ तौर से अंदाजा लगाया जा सकता है।