माहवारी पर चुप्पी तोड़ो,स्वस्थ जीवन से नाता जोड़ो-डॉ. सौरभ निराला

संतोष कुमार ।

प्रखण्ड मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सौरभ कुमार निराला की अध्यक्षता में छात्राओं के बीच माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया गया।इस दौरान पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की प्रखण्ड प्रतिनिधि शिला कुमारी,पीएचसी मैनेजर मो ईरशाद अहमद,युवा क्लिनिक परामर्शदाता राकेश कुमार सिंह,बीसीएम किरण कुमारी एवं वार्डन रेखा कुमारी भी मौजूद रहें।कार्यक्रम की शुरुआत माहवारी पर चुप्पी तोड़ो,स्वस्थ जीवन से नाता जोड़ो के ऊपर कार्यशाला का आयोजन कर सभी किशोरियों को जागरूक किया गया।साथ ही छात्राओं के बीच माहवारी से सम्बंधित पोस्टर प्रतियोगिता एवं नाटक आदि का आयोजन किया गया।छात्राओं ने पोस्टर के माध्यम से माहवारी के दिनों में सेनेटरी नैपकिन आदि के उपयोग पर प्रकाश डाला।वहीं नाटक के माध्यम से पुरानी एवं घिसीपिटी चली आ रही माहवारी के दिनों में पुराने कपड़े के उपयोग को नकारने की सलाह दी गई।इस मौके पर पीएचसी मैनेजर मो ईरशाद अहमद द्वारा एनीमिया से सम्बंधित जानकारियां दी गई।उन्होंने कहा कि शरीर में आयरन की कमी के कारण किशोरियों से लेकर महिलाएं एनीमिया की शिकार हो जाती है,जिसका उपचार प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध है।वहीं युवा क्लिनिक परामर्शदाता राकेश कुमार सिंह ने माहवारी के दौरान बरतने जाने वाली स्वच्छता पर विशेष जानकारी दिया।उन्होंने किशोरियों से लंबे समय तक पैड का इस्तेमाल न करें,इस्तेमाल किए गए पैड का सुरक्षित रूप से निपटान करें व

आराम करने की सलाह दी।वहीं पीएचसी प्रभारी डॉ. सौरभ निराला ने पोस्टर एवं नाटक प्रतियोगिता में शामिल छात्राओं सुगंधा,काजल,रजनी,करीना, पूनम एवं जीतू को सर्टिफिकेट एवं स्नेहा एआई किट देकर सम्मानित किया।साथ ही छात्राओं से कहा कि मासिक धर्म से संबंधित खून में कोई अपवित्रता नहीं होती है।सफाई और स्वच्छता मासिक धर्म प्रवाह से पैदा होने वाली किसी भी गंध या संक्रमण को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण है।अशुद्ध सेनेटरी पैड के जोखिम गंदे सैनिटरी पैड के इस्तेमाल से कई तरह के संक्रमण हो सकते हैं।सेनेटरी पैड को अक्सर कई परतों में लपेटा जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे रोगाणुहीन बने रहें।दूषित पैड का उपयोग करने से मूत्र संक्रमण, फंगल संक्रमण और प्रजनन पथ में संक्रमण हो सकता है,जिससे संभावित रूप से बांझपन का खतरा बढ़ सकता है।बहुत देर तक पैड पहनने के परिणाम हर 6-8 घंटे में सैनिटरी नैपकिन बदलना जरूरी है।एक ही पैड के लंबे समय तक इस्तेमाल से त्वचा पर चकत्ते और योनि में यीस्ट संक्रमण हो सकता है।स्वच्छता बनाए रखने और संक्रमण को रोकने के लिए लंबे समय तक पैड पहनने से बचना महत्वपूर्ण है।हाथ की स्वच्छता का महत्व सैनिटरी पैड बदलने से पहले और बाद में हाथों की उचित स्वच्छता महत्वपूर्ण है।पैड बदलने के बाद साबुन से हाथ न धोने से यीस्ट संक्रमण या हेपेटाइटिस बी हो सकता है।इसी तरह, पैड बदलने से पहले हाथ धोने से योनि क्षेत्र में बैक्टीरिया के स्थानांतरण को रोकने में मदद मिलती है।उन्होंने कहा कि मासिक धर्म स्वच्छता दिवस का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मासिक धर्म वाले व्यक्ति अपने मासिक धर्म को सुरक्षित और गरिमा के साथ प्रबंधित कर सकें एवं स्वास्थ्य जोखिमों को कम कर सकें।इस मौके पर युवा चैंपियन पूजा कुमारी व आरती कुमारी,शिक्षिका आशा रानी व सीमा कुमारी,नीलम कुमारी,उषा कुमारी,मधुरानी के अलावे कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की 76 छात्राएं मौजूद रहीं।