महिला टेकरों ने रेंजर पर लगाया यौन शोषण का आरोप,जांच में जुटी पुलिस

संतोष कुमार ।

प्रखण्ड क्षेत्र में कार्यरत तीन महिला टेकरों ने रेंजर मनोज कुमार पर यौन शोषण का आरोप लगाया है।महिला टेकरों ने कहा कि वे लोग वर्ष 2018 से वन विभाग में जंगल की देख-रेख कर रहे हैं।इस दौरान वन विभाग में कई रेंजर,फोरेस्टर एवं वनरक्षी के अलावे अन्य पदाधिकारीगण आये एवं गए।किन्तु किसी ने हम टेकरों के इज्जत के साथ खेलने की बात तक नहीं की।किन्तु रेंजर मनोज कुमार की बुरी नज़रों से हमसभी हमेशा डरी सहमी हुई रहती थी।रेंजर द्वारा महिला टेकरों को अकेले पाकर अक्सर छेड़छाड़ किया जाया करता था।एक महिला टेकर ने कही कि बीते 9 मार्च की रात्रि 11 बजे रेंजर दो महिला टेकरों को लेकर जंगल क्षेत्र में पेट्रोलिंग के नाम पर ले गया।वहीं रास्ते में महिला टेकरों से छेड़छाड़ करते हुए शारिरिक सम्बंध बनाने की बात कहने लगे।जब मना किया तो नौकरी से हटाने की धमकी देने के साथ रात्रि के 11 बजे सुनसान रास्तों पर गाड़ी से नीचे उतार दिया एवं कहा कि जहां जाना है जाओ।वहीं दूसरी महिला टेकर ने बताई कि वे सितंबर 2023 में बच्चे को जन्म दी थी।जिसके कारण वे बीते माह से छुट्टी पर थी।स्वस्थ होने पर काम पर वापस लौटी तो रेंजर द्वारा एक रात साथ बिताने पर ही नौकरी पर वापसी मिलेगी।महिला टेकरों द्वारा रेंजर की बात नहीं मानने पर तीनों महिला टेकरों को काम पर हटा दिया गया।महिला टेकरों ने इसकी शिकायत डीएफओ नवादा से करनी चाही तो रेंजर के निर्देश पर डीएफओ से मिलने नहीं दिया गया।तब हारकर तीनों महिला टेकरों ने थानाध्यक्ष,एसडीपीओ समेत पटना मुख्यालय में लिखित शिकायत कर रेंजर के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।

क्या कहते हैं रेंजर –

इस बाबत पर रेंजर मनोज कुमार ने कहा कि महिला टेकरों द्वारा लगाया गया सभी आरोप बेबुनियाद है।साथ ही कहा कि उक्त महिला टेकर जीविका एवं वन विभाग दोनों में काम करती है।जिसको लेकर उसे जीविका या वन विभाग दोनों में से एक जगह रहकर काम करने की बात कही गई थी।क्योंकि जीविका में काम करते रहने पर वन विभाग द्वारा वेतन भुगतान करना गलत होगा।इसी को लेकर महिला टेकरों ने झूठा आरोप लगाई है।

क्या कहते हैं जीविका प्रबंधक –

जीविका बीपीएम मनीष कुमार ने कहा कि प्रखण्ड की लगभग 80% महिलाएं जीविका दीदी समूह से जुड़ी हुई हैं।ऐसी स्थिति में समूह से जुड़ी महिलाएं कहीं भी दूसरा काम करने के लिए स्वतंत्र है।क्योंकि समूह में जुड़े रहने के लिए जीविका द्वारा उन्हें कोई वेतन नहीं दिया जाता है।

क्या कहते हैं थानाध्यक्ष –

इस बाबत पर थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने कहा कि महिला टेकरों एवं रेंजर दोनों पक्षों से लिखित आवेदन प्राप्त हुआ है।पुलिस मामले की जांच कर रही है।जांचोपरांत उचित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित किया जाएगा।

क्या कहते हैं एसडीपीओ –

इस बाबत पर एसडीपीओ गुलशन कुमार ने कहा कि महिला टेकरों द्वारा कार्यालय में आवेदन दिया गया होगा।जिसकी जानकारी हमें नहीं है।वहीं थाने को दिए आवेदन के आलोक में पुलिस पदाधिकारी सभी पहलुओं जांच कर कार्रवाई करेंगे।